संस्कारहीनता : स्कूलों में जूते-चप्पल पहन कराया जा रहा बच्चों को भोजन

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
उत्तराखंड के कतिपय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को जूते-चप्पल पहनकर भोजन परोसे जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। इस तरह की व्यवस्ता को संस्कारहीनता बताते हुए राज्य परियोजना निदेशक ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आदेश पत्र जारी किया है।
राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, उत्तराखंड बंशीधर तिवारी द्वारा प्रदेश के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी व समस्त जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा०शि०) उत्तराखंड को पीएम पोषण के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को भोजन वितरण के संबंध में आदेश पत्र जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह संज्ञान में आ रहा है कि भोजन माताओं द्वारा जूते-चप्पल पहन कर छात्र-छात्राओं को भोजन वितरण किया जा रहा है साथ ही कतिपय विद्यालयों में शिक्षकों व अन्य के द्वारा भी बच्चों के भोजन ग्रहण करने वाले स्थान पर जूते पहन कर ही विचरण किया जा रहा है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है एवं संस्कारहीन भी है। इस प्रकार जूते, चप्पल, सैंडल पहन कर भोजन ग्रहण करने वाले स्थान पर विचरण करने से गंदगी भोजन की थाली में गिरने की प्रबल संभावना होती है। इस संबंध में अपेक्षा है कि बच्चों को टाट-पटटी में पंक्तिबद्ध बैठाने के पश्चात भोजन वितरण का कार्य किया जाये। भोजनमाता हैडकवर/ग्लव्स पहनकर भोजन वितरण करेंगे एवं सैंडल, जूते, चप्पल पहनकर भोजन वितरण का कार्य कदापि नहीं करेंगे तथा किसी भी दशा में बच्चों के भोजन ग्रहण करने वाले स्थान पर जूते पहनकर तथा अनावश्यक चहल कदमी नहीं करेंगे। पत्र में सभी को निर्देशित किया गया है कि सभी विद्यालयों को इस संबंध में निर्देश जारी करें एवं समय-समय पर निरीक्षण कर विद्यालयों में ऐसी स्थिति पाये जाने पर तत्काल कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाये।
पत्र की प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड एवं निदेशक, (मा०/प्रा०) शिक्षा, उत्तराखण्ड तथा अपर निदेशक, (मा०/प्रा०) शिक्षा, गढवाल/कुमाऊँ मण्डल, उत्तराखण्ड के साथ ही समस्त खंड, उप शिक्षा अधिकारी को भेजी गई है। नीचे देखें आदेश पत्र –
