सीएनई रिपोर्टर, सोमेश्वर
ताकुला ब्लाक की ग्राम पंचायत बामनीगाड़ क्षेत्र को इंटरनेट सुविधा से जोड़ने के लिए सालों पहले पहल हुई और बामनीगाड़—मनान क्षेत्र में फाइबर लाइन बिछाई गई। यहां तक कि बामनीगाड़ पंचायत घर में वाई—फाई का सेटअप स्थापित कर दिया गया और आज तक हाल ये है कि ये सेटअप तो शो—पीस बना ही है, आनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को घर से दूर पहाड़ी पर जाना पड़ रहा है, ताकि मोबाइल में सिग्नल आ सकें। वजह यह है कि फाइबर लाइन आज तक शुरू नहीं हो सकी।
इसी बात को लेकर बामनीगाड़ की प्रधान नीमा जोशी ने मुख्य विकास अधिकारी अल्मोड़ा को शिकायती पत्र भेजा है। जिसमें अवगत कराया है कि कोरोना महामारी के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन के कारण प्रवासियों ने शहरों से अपने गांवो की ओर रूख किया है। तमाम शिक्षित युवा गांव वापस लौट आनलाइन काम कर रहे हैं और स्कूल—कालेजों की पढ़ाई आनलाइन हो रही है। बामनीगाड़ क्षेत्र में इंटरनेट सुविधा का अभाव बना है। मोबाइल में सिग्नल नहीं के बराबर आते हैं। ऐसे में इंटरनेट संबंधी सभी कार्य प्रभावित हैं। स्कूल—कालेजों के बच्चे व गांव आए प्रवासी बेहद परेशान हैं। स्थिति ये है कि कई बार छोटे—बड़े बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के लिए घरों से दूर ऊंचे स्थानों पर जाना पड़ रहा है, ताकि कहीं से सिंग्नल पकड़ सके। ऐसे में सरकार की योजनाओं पर सवालिया निशान लग रहा है।
ग्राम प्रधान नीमा जोशी ने शिकायती पत्र से अवगत कराया है कि इंटरनेट सुविधा के लिए उनके क्षेत्र में कुछ साल पहले फाइबर लाइन बिछी और पंचायत घर में वाई—फाई का पूरा सेटअप तक स्थापित है, लेकिन इंटरनेट सुविधा नहीं है, क्योंकि यह फाइबर लाइन अभी शुरू नहीं हो सकी है। इस लाइन से इंटरनेट सुविधा मिलने के इंतजार में साल गुजर गए हैं। कई बारगी शिकायत हो चुकी हैं। उन्होंने कहा है कि डिजिटल क्रांति के इस दौर में इंटरनेट सुविधा से वंचित रहना सोचनीय विषय है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से गांव की इंटरनेट फाइबर लाइन को शुरू करवाने और पंचायत घर में लगे वाई-फाई सेट को चालू करवाने का अनुरोध किया है। इसके लिए अपने स्तर से समुचित कार्रवाई का अनुरोध किया है।
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