अल्मोड़ा : एकता और तनुजा को मिला मीरा जोशी ऐपण प्रोत्साहन सम्मान

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⏩ मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति का आयोजन

⏩ नई पीढ़ी में ऐपण कला के संस्कार डालना मुख्य उद्देश्य

⏩ ऐपण कला को समर्पित है मीरा जोशी का जीवन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति के तत्वाधान में नई पीढ़ी में ऐपण कला के संस्कार डालने के उद्देश्य से कुमाऊनी लोक हस्तशिल्प ऐपण पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परंपरागत एवं क्रिएटिव आर्ट ऐपण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रही एकता आर्या को और तनुजा आर्या को मीरा जोशी ऐपण प्रोत्साहन सम्मान व पांच हजार-पांच हजार की राशि प्रदान की गई।

अल्मोड़ा के लिंक रोड स्थित सीबीसी सेंटर पर आयोजित कुमाऊनी लोक हस्तशिल्प ऐपण पर एक कार्यक्रम का उद्घाटन मीरा जोशी, डॉ. निर्मल जोशी तथा लज्जा पंत ने किया। नई पीढ़ी में ऐपण कला के संस्कार डालने व उसके प्रचार-प्रसार के साथ-साथ रोजगार परक बनाने के उद्देश्य से समिति द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्था द्वारा पूर्व में आयोजित की गई प्रतियोगिता को 2 वर्ग परंपरागत एवं क्रिएटिव आर्ट ऐपण में बांटा गया था।

परंपरागत ऐपण में प्रथम स्थान एकता आर्या द्वितीय स्थान पर आयुषी पांडे, तीसरे स्थान पर श्वेता सिंह रही। वहीं क्रिएटिव आर्ट ऐपण में प्रथम स्थान तनुजा आर्या दूसरे स्थान पर एकता आर्या व तीसरे स्थान पर राहुल जोशी रहे। दोनों वर्गों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली कलाकार एकता आर्या को और तनुजा आर्या को मीरा जोशी ऐपण प्रोत्साहन सम्मान व पांच हजार-पांच हजार की राशि प्रदान की गई। दूसरे व तीसरे स्थान प्राप्त करने वालों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

संस्था के अध्यक्ष हेमंत जोशी ने बताया कि ऐपण कला की वरिष्ठतम कलाकारा व अध्यता मीरा जोशी ने नई पीढ़ी के प्रति उत्साह पैदा करने के उद्देश्य से रूपये 10 हजार की नगद राशि अपनी अल्प पेंशन से प्रदान की है। मीरा जोशी का जीवन ऐपण कला को समर्पित है। इन्होंने देश के कई जगहों में आयोजित कार्यशालाओं में 3000 से अधिक युवाओं को ऐपण में प्रशिक्षित किया है।

देश भर की कई संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित किया जा चुका है। मीरा जोशी ने कोरोना काल में जब लोग घरों में अपने को कैद किए हुए थे। उस समय बख में स्थित किशोरी सदन में एक माह की ऐपण कार्यशाला में बच्चो को ऐपण सिखाया। कल्याण मनकोटी ने युवा कलाकारों को इसे व्यवसाय से जोड़ने की बात कही। वहीं हेमंत जोशी ने कहा की ऐपण कला तभी तरक्की करेगी जब कलाकार को काम मिलेगा। हमारे लिए कलाकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। डॉ. निर्मल जोशी ने अल्मोड़ा में कला और कलाकार के लिए इस तरह के प्रयासों की सराहना की। लज्जा पंत अपने बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किया। रश्मि सेनवाल ने कहा की बच्चो को दृढ़ इच्छा रखना जरूरी है। मीरा जोशी ने बच्चों को ऐपण के परंपरागत रुप की जानकारी दी। कार्यक्रम का प्रारंभ और समापन भास्कर भौरियाल ने कुमाऊनी गीत से किया। कार्यक्रम का संचालन हेमंत जोशी ने किया। मानसी चंद्रा, हर्षित तिवारी, कमल पांडे, नमिता टम्टा, नवनीत जोशी आदि उपस्थित थे।

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