सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
बागेश्वर में इस बीच यत्र—तत्र आंदोलन चल रहे हैं। जगह—जगह आक्रोश की गूंज है। कहीं कर्मचारी संगठन तो कहीं ग्रामीण अपना—अपना दुखड़ा लेकर लड़ाई का कदम उठाने को मजबूर हुए हैं।
धरने पर निगम कर्मी
कोषागार से वेतन का भुगतान एवं पेयजल निगम का राजकीयकरण की मांग को लेकर पेयजल निगम के कर्मचारियों ने आंदोलन शुरु कर दिया है। कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दो माह से रुके वेतन का जल्द भुगतान करने और अन्य समस्याओं का त्वरित निदान करने की मांग की। निगम कर्मचारियों के कहा कि प्रांतीय नेतृत्व ने देहरादून में आमरण अनशन शुरु कर दिया है। जिसके समर्थन में जिले के कर्मचारी धरना दे रहे हैं।
संयोजक विशन सिंह रौतेला ने बताया कि निगम में तैनात फील्ड, मिनस्ट्रीयल सहित सभी वर्ग के कर्मचारी आंदोलन पर हैं। कर्मचारियों ने कहा कि अगर जल्द सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। धरने में अधिशासी अभियंता वीके रवि, विशन रौतेला, शंकर सिंह राणा, जितेंद्र सिंह, मीनू, बबीता पंत, जय शंकर, सीएस कर्नाटक, पूरन पांडेय, मनोज खड़का, चन्दन दानू, भोजराज पंत, नरेंद्र धामी आदि मौजूद रहे।
हड़ताल पर राजस्व कार्मिक
विभिन्न मांगों को लेकर राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक संघ के कर्मचारियों की कलमबंद हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने सभा करके सरकार पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। धरने में संघ के अध्यक्ष जगदीश परिहार, उपाध्यक्ष कुंदन सिंह मेहता, सुरेंद्र कुमार, सुरेश सिंह राठौर, प्रवीण सिंह टाकुली, रमेश चंद्र, सुंदर परिहार, जगदीश काण्डपाल, भगवती जोशी, मनोज कुमार, पप्पू लाल शामि रहे।
ग्रामीण की लड़ाई जारी
गरुड़। सड़क की मांग को लेकर मजकोट के ग्रामीणों का धरना जारी है। उनके आंदोलन को आप और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का लगातार समर्थन मिल रहा है। वक्ताओं ने कहा मजकोट सांसद आदर्श गांव है, लेकिन यहां के ग्रामीणों को आज तक यातायात की सुविधा नहीं मिल पायी है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। धरने में रमेश पूरी, कैलाश पूरी, आनंद पुरी, मान गिरी, पूरन गिरी, कैलाश गिरी, लक्ष्मण गिरी, वीरेंद्र गिरी,चन्द्र सिंह, मोहनी गिरी शामिल रहे।