✍️ अल्मोड़ा में पत्रकारों से मुखातिब होकर बोले पुलिस महानिदेशक
✍️ महिला अपराधों को गंभीरता से लेकर पुलिस का सख्त रुख
✍️ थानों में महिलाओं के लिए स्थापित होंगे सुगम व सुरक्षित कक्ष
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: उत्तराखंड में अपराधियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। प्रदेश के शहरों में ट्रैफिक के दबाव से उत्पन्न समस्या को दूर करने व सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए पुलिस कारगर कदम उठाएगी। नशे के बड़े धंधेबाजों व माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। महिला अपराधों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी। हर थाने में महिलाओं के लिए सुरक्षित व सुगम कक्ष स्थापित होंगे। यह बातें आज यहां विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सभागार में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार (आईपीएस) ने कहींं।
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि अब पर्वतीय क्षेत्रों के शहरों में भी साल—दर—साल ट्रैफिक का दबाव बढ़ते जा रहा है। पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ते जा रही है। अब सड़क किनारे पार्किंग से काम चलना मुश्किल हो गया है। इसी समस्या को दूर करने के लिए पुलिस महकमे को भी अपनी व्यवस्थाओं में जरुरत के मुताबिक परिवर्तन करना होगा। उन्होंने कहा कि जगह—जगह बड़ी पार्किंगें तैयार करनी जरुरी हो गई है। इस दिशा में स्थान चयन के साथ ही कार्यवाही की जा रही है। डीजीपी ने सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने व उनमें आए दिन मौतें होने पर चिंता जताई और कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को समझना जरुरी है और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना जरुरी है। इस दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब सीसीटीवी नेटवर्क को बढ़ाने जा रही है। आगे पढ़िये…
युवाओं व बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृति को रोकने के लिए जनता का सहयोग भी जरुरी है। उन्होंने कहा कि नशे का अपराध दृष्टिगोचर होने पर पुलिस को सही समय पर इत्तला करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य नशाखोरी में लिप्त बच्चों व युवाओं को अपराधी बनाकर सजा देना नहीं है, बल्कि पहले उन्हें सुधरने का एक मौका दिए जाने का प्रयास पुलिस का है। इसके लिए उसकी काउंसिलिंग कराई जाएगी और जरुरत पड़ने पर सुधार केंद्र भेजा जाएगा। इसके बाद भी सुधार नहीं आया, तो फिर उसके खिलाफ कार्यवाही ही विकल्प बचता है। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि सभी जिलों में नशे के धंधे के पीछे बड़े लोगों का हाथ है। पुलिस ऐसे धंधेबाजों और माफियाओं के खिलाफ सख्ती से पेश आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के धंधेबाजों का नेटवर्क प्रदेश से बाहर भी है। आगे पढ़िये…
महिला अपराधों के संबंध में उन्होंने अंकिता व निर्भया जैसे केसों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में महिला अपराधों को लेकर पुलिस सख्त है। उन्होंने कहा कि हर थाने में 6 माह के अंदर महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं सुगम कक्ष स्थापित किए जाएंगे। जहां महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी, ताकि महिलाएं अपनी किसी भी प्रकार शिकायत खुले रुप से कर सकें।उन्होंने कहा कि 3 साल के अंदर हर थाना पर्यावरण का संदेश देगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस ईको फ्रेंडली बनेंगे, इसके लिए हर थाने में रेन हार्वेस्टिंग वाटर सिस्टम व सौर उर्जा संयत्र लगेंगे। इसके लिए शासन को 20 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अपराध का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और पुलिस को गंभीर अपराधों में साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए न कि व्यक्ति को देखकर। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस द्वारा झूठे केस में फंसाने के साक्ष्य हों, तो ऐसे मामलों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस प्रदेश की जनता व प्रदेश में आने वाले पर्यटकों व मेहमानों के लिए मित्र पुलिस है, लेकिन बाहर से आने वाले अपराधियों के लिए मित्र पुलिस नहीं है। पुलिस महकमे में कार्मिकों की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में 4000 पुलिस कर्मियों की कमी है और जल्द ही दो हजार पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में सीओ का रिक्त पद जल्द भरा जाएगा। इसके साथ एक एडिशनल एसपी की नियुक्ति होगी, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजेंगे। प्रेसवार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा भी मौजूद रहे।
दिव्यांग प्रकरण के जांच के आदेश
अल्मोड़ा: गत दिवस हल्द्वानी में जनसंवाद के दौरान दिव्यांग को डीजीपी से नहीं मिलने देने के प्रकरण पर पूछे गए गए सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि उस व्यक्ति को एक साजिश के तहत वहां भेजा गया। उन्होंने कहा कि एसएसपी नैनीताल को इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं और इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि गत गुरुवार को हल्द्वानी में डीजीपी अभिनव कुमार के जन संवाद कार्यक्रम के दौरान उस वक्त हंगामा हो गया था, जब दिव्यांग लोक गायक दीपक सुयाल अपनी समस्या को लेकर डीजीपी से मिलने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उसे मिलने नहीं दिया।