- 12 किमी की करी पैदल ट्रेकिंग
- भोजन—पानी की कर रहे निरंतर व्यवस्था
- गंभीर रूप से घायल एक वृद्धा का बचाया जीवन
- एक सलाम तो बनता है
— रानीखेत से गोपाल नाथ गोस्वामी की रिपोर्ट —
अतिवृष्टि की त्रासदी झेल चुके उत्तराखंड का मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुई हैं। इन मुश्किल हालातों में सेना की डोगरा रेजीमेंट एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही है। राजकीय इंटर कालेज खैरना में 107 प्रभावित लोगों का बसेरा है, जो सेना की से प्राप्त राहत पर निर्भर हैं।
उल्लेखनीय है कि रानीखेत में सेना की डोगरा रेजीमेंट आपदा काल के दौरान नैनीताल जनपद में अतिवृष्टि प्रभावितों को चिकित्सीय व अन्य सुविधाएं प्रदान करने में अत्यंत सराहनीय भूमिका का निर्वहन कर रही है। नैनीताल जनपद के यदि खैरना क्षेत्र की बात करें तो यहां 107 बाढ़ व अतिवृष्टि प्रभावितों के लिए डोगरा रेजीमंट संकट मोचन की भूमिका में है।
यह सैकड़ों लोग वह हैं, जिनके घर अतिवृष्टि और बाढ़ से ढह चुके हैं और वह सुरक्षित आश्रय हेतु जीआईसी खैरना में रूके हैं। इन लोगों के लिए सेना के जवान स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा भोजन—पानी की निरंतर व्यवस्था कर रहे हैं। यही नहीं डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद प्रकाश व्यवस्था के लिए कोसी नदी के आर—पार नई विद्युत लाइन बिछाने में भी अहम भूमिका निभाते हुए मदद प्रदान की।
इसके अलावा सेना की एक टुकड़ी ने पूरे रास्ते काकड़ीघाट तक तक ट्रेकिंग की, जो खैरना से लगभग 12 किमी दूर है। सेना ने दो दिनों से बिना भोजन या पानी के फंसे हुए व्यक्तियों को चिकित्सा और भोजन प्रदान किया। यही नहीं, सेना के जवानों ने गंभीर रूप से घायल एक वृद्धा को प्राथमिक उपचार देने के बाद सुरक्षित स्थान तक भी पहुंचाया। निश्चित रूप से भारतीय सेना की डोगरा रेजीमेंट का आपतकाल में यह रेस्क्यू अभियान सैकड़ों लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हुआ है। जिसके लिए सेना की जितनी प्रशंसा की जाये कम होगी।
Dogra Regiment, Ranikhet continues to provide medical aid and relief
Dogra Regiment, Ranikhet continues to provide support by giving medical aid and relief to flood affected individuals in Nainital District. There are about 107 people being house at GIC, Kherna and Jawan of Dogra Regiment continue to provide medical and food to rescued individuals. People who are at GIC are those whose home has been destroyed in the recent flood havocs. The party also helped in restoring electricity by helping in efforts for laying lines by crossing the wire through Kosi River.
One team trekked all the way to Kakhrighat, which is approximately 12 km from Kherna and provided medical and food to individuals who have been stucked without food or water for two days. In the ensuing relief efforts, the team also gave a first aid to the old lady who was grievously injured and brought her to the safer zone.