लोहाघाट । सामाजिक कार्यकत्री रीता गहतोड़ी ने प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक को ज्ञापन भेजकर चंपावत में डायलिसस मशीन स्थापित करने और पिथौरागढ़ के जिला चिकित्सालय में तीन साल से धूल फांक कर रही मशीन को संचालित करने की मांग की है। यहां एसडीएम आरसी गौतम को सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि पहाड़ों पर किडनी के रोगियों की संख्या कम नहीं है। ऐसे में उनका डायलिसिस होना आवश्यक होता है। उन्होंने कहा है कि पिथौरागढ़ व चंपावत जिले के किसी भी सरकार चिकित्सालय में यह मशीन नहीं है। मजबूरन रोगियों को अपना समय व धन बर्बाद करके हल्द्वानी की यात्रा करनी पड़ती है। लेकिन इन दिनों एसटीएच हल्द्वानी को कोविड—19 हास्पिटल बनाए जाने के बाद वहां भी रोगियों का डायलिसिस नहीं हो रहा है। बेस चिकित्सालय में रोगियों को भटकना पड़ता है। उनके अनुसार पिथौरागढ़ में आज से तीन साल पहले डायलिसिस मशीन स्थापित कर दी गई थी लेकिन विशेषज्ञ की तैनाती न होने के कारण मशीन जैसी की तैसी पड़ी है। अब से लगभग तीन माह पूर्व मशीन के लिए एक स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया गया था लेकिन तब ही लॉक डाउन शुरू हो गया, इसलिए वहां अब भी डायलिसस नहीं हो पा रहा है। रीता के अनुसार चंपावत के जिला चिकित्सालय में यह मशीन है ही नहीं।
उन्होंने निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द पिथौरागढ़ की मशीन को संचालित कराने और चंपावत में एक नई डायलिसस मशीन उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें। इससे लोगों को बहुत लाभ होगा।

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