Bageshwar Breaking: कपकोट के उच्च इलाके बर्फ से लकदक, शीतलहर की चपेट में जनपद, पशुपालक बुग्यालों में लौटे, पाइपों में पानी जमा

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरजिले में पिछले छह दिनों से बारिश और हिमपात का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके कारण एक सड़क मलबा…

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिले में पिछले छह दिनों से बारिश और हिमपात का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके कारण एक सड़क मलबा आने से बंद हो गई है। कपकोट के उच्च हिमालय से सटे गांव हिमपात से लकदक हो गए हैं।हिमपात वाले गांवों का पारा शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है। पाइप लाइनों में पानी जम गया है। सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। भेड़, बकरियों चराने गए पशुपालक बुग्यालों की तरफ लौट आए हैं। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव जला रहे हैं।


सोमवार को भी सुबह से बारिश होने के कारण शहर और कस्बाइ इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे हैं।वहीं, सरकारी और प्राइवेट स्कूल भी 31 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं। शिक्षक आनलाइन छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। जिले में पिछले छह दिन से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ है। रविवार की रात भर जिले में बारिश होती रही। कपकोट तहसील के कर्मी, विनायक में लगभग आधे फिट तथा झूनी, खलझूनी, शामा, जांतोली, समडर, खाती, बाछम, कुंवारी, खरकिया,बदियाकोट, द्वाली, धूर आदि गांवों में लगातार हिमपात हो रहा है। अन्य गांवों में एक इंच से दो इंच तक हिमपात की सूचना है।

इसके अलावा घाटी वाले क्षेत्र में बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश और हिमपात के कारण रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग किमी 29, 30, 31 तथा 32 में मलबा आने से बंद हो गया है। इससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। तहसील प्रशासन ने लोनिवि को मार्ग खोलने के निर्देश दे दिए हैं। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि जिले में कहीं से भी आपदा की कोई सूचना अभी तक नहीं है। बंद मार्ग खोलने के लिए लोडर मशीन भेजी गई है। बागेश्वर ब्लाक में 2.5, गरुड़ छह तथा कपकोट में 2.5 एमएम बारिश अभी तक रिकार्ड की गई है। अभी उच्च हिमालयी गांवों में लगातार हिमपात हो रहा है

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