Rudrapur News: प्रवक्ता भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों में उपजा असंतोष, विसंगतियां गिनाते हुए शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन, अब पदों को बढ़ाकर स्क्रीनिंग परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग
सीएनई रिपोर्टर, रुद्रपुर
प्रदेश में प्रवक्ता पदों की भर्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया से असंतोष उभर आया है। तमाम अभ्यर्थी नाखुश होकर लामबंदी करने लगे हैं। उनका आरोप है कि स्क्रीनिंग परीक्षा में विसंगतियां हुई हैं और इसका बेवजह खामियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इन अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताते हुए प्रवक्ता भर्ती 2020—21 के 571 पदों को चार गुना बढ़ाकर 2284 करने तथा इसी आधार पर स्क्रीनिंग परीक्षा परिणाम पुनर्घोषित करने की मांग उठा दी है। अभ्यर्थियों का एक शिष्टमंडल गत दिवस गुलरभोज में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से मिलने पहुंचा और उचित माध्यम से उन्हें इस मांग का ज्ञापन दिया है।
अभ्यर्थियों का कहा है कि उत्तराखंड में 21 मार्च 2021 को प्रवक्ता पदों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा हुई और 07 जुलाई 2021 को स्क्रीनिंग परीक्षा का परिणाम व मैरिट सूची जारी कर दी गई। इस पर उन्होंने असंतोष जताते हुए कई सवाल उठा दिए। उनका आरोप है कि आयोग ने कई ऐसे निर्णय ले डाले, जिनका जिक्र संबंधित विज्ञप्ति में थे ही नहीं। मंत्री को भेजे ज्ञापन में उन्होंने तमाम बातों का जिक्र करते हुए पूरा मामला रखा है और उचित निर्णय लेकर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेने की गुहार लगाई है।
ज्ञापन देने वालों में लवकेश बिष्ट, ममता रानी, गिरीश पालीवाल आदि शामिल रहे।
ये हैं आपत्ति के प्रमुख बिंदु
आपत्ति—1: प्रवक्ता पदों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के बाद आवेदन हुए। इसके बाद जब आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, तो उसके साथ ही अभ्यर्थियों की तादाद भी बढ़ गई। अंतत: ज्यादा अभ्यर्थी होने के कारण स्क्रीनिंग परीक्षा करा डाली, जबकि पहले स्क्रीनिंग परीक्षा के बारे में कुछ भी नियत नहीं था।
आपत्ति—2: एक ही पद की परीक्षा में अलग-अलग मानक रखना समझ से परे है। स्क्रीनिंग परीक्षा में हिन्दी प्रवक्ता के एक पद के सापेक्ष 30, अंग्रेज़ी प्रवक्ता के एक पद के सापेक्ष 19 तथा गणित प्रवक्ता के एक पद के सापेक्ष 09 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। जो समझ से परे है।
आपत्ति—3: अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने प्रश्नपत्र में कई संदेहास्पद प्रश्न शामिल किए थे और कुछ पश्नों में सभी अभ्यर्थियों को 09 अंक उपहार स्वरूप प्रदान किए गए, चाहे अभ्यर्थियों ने उन्हें हल किया हो या नहीं। ऐसे में उन प्रश्नों को हल करते हुए सही उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को मैरिट में नुकसान हुआ है और वे मेरिट से बाहर हो गए हैं।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग
1— विसंगतियों का समाधान करते हुए पदों की संख्या में वृद्धि का प्रस्ताव भेजकर पदों की संख्या बढ़ाई जाए और पदों की संख्या में वृद्धि के सापेक्ष प्रवक्ता स्क्रीनिंग परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाए। तब जाकर मुख्य परीक्षा कराने का आदेश हो।
2— विसंगतियों के कारण बहुत कम अंतर से बाहर हुए सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया जाए, ताकि 50 हजार युवा आवेदकों में से अधिकांश अभ्यर्थी मुख्य परीक्षाा में बैठ सकें।
3— इस परीक्षा में सभी विषयों में एक पद के सापेक्ष समान रूप से 30 उम्मीदवारों का चयन करके सबके साथ न्याय किया जाए या फिर पदों को बढ़ाकर अन्य अभ्यर्थियों को मौका दिया जाए।