सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में पेयजल की अनियमित आपूर्ति से जनता खासी परेशान है। वहीं आम जन की शिकायत है कि समय—समय पर क्षतिग्रस्त होने वाली पेयजल लाइनों के रखरखाव की व्यवस्था भी नही हो पा रही है।
तल्ला थपलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार पांडे के नेतृत्व में नागरिकों ने जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता कैलाश सिंह खाती को ज्ञापन सौंपकर व्याप्त पेयजल से संबंधित समस्याओं के निराकरण की मांग की। साथ ही शिकायत सुनने के लिए पूरे शहर का एक कंट्रोल रूप भी बनाने का आग्रह किया।
ज्ञापन में कहा गया है कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी अल्मोड़ा में थपलिया, तल्ला थपलिया, विवेकानंद पूरी, न्यू कॉलोनी, धारानौला, दुगालखोला में इन दिनों पेयजल संकट व्याप्त है, राज्य सरकार द्वारा करोड़ो रुपये खर्च किये जाने के बावजूद पेयजल संकट में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अल्मोड़ा नगर में पेयजल वितरण में अलग अलग व्यस्था है इसका कही कोई समय निर्धारित नहीं है।
पेजयल कहीं पर बमुश्किल 25 मिनट खुलता है जब की कहीं—कहीं पर 02 से 03 घंटे भी खुलता है। उन्होंने कहा कि जनहित को ध्यान में हुए पानी के वितरण का एक निर्धारित समय किया जाय। कहा कि अक्सर देखा गया है की दोनों पंप हाउसों के शिकायत कक्ष के लैंड लाइन नम्बर खराब रहते हैं, जिससे स्थानीय जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पुरे शहर का एक कण्ट्रोल रूम बनाया जाये। इसके साथ ही एक वैकल्पिक whatsapp number भी जनता को उपलब्ध करवाया जाये। जिस पर लोगों की पेयजल शिकायत को दूर किया जा सके।
संजय पांडे ने कहा कि जन हित में नगर में नई बिछाई जा रही पेयजल लाइनों का निर्माण शीघ्र किया जाय। पेयजल की पाइप लाइनों में कई जगह लीकेज है, इसे चेक कर के लीकेज की समस्या का समाधान कराया जाये। पेयजल लाइनें बरसात में नालियों को अवरुद्ध करती हैं, इन्हें नालियों से हटाया जाये। नालियों में सीवर के बीच में बिछाई गयी पाइप लाइनों में नालियों का गन्दा पानी व कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं। इन दिनों पूरा प्रदेश कोरोना जैसी महामारी की चपेट में है कोरोना जैसी महामारी में यह जानलेवा है। इन्हें नालियों से हटाया जाये। उन्होंने अधीक्षण अभियंता से समस्याओं के यथाशीघ्र निराकरण की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में संजय कुमार पांडे के साथ आशीष जोशी, भुवन चंद्र जोशी, मोहन चंद्र आदि शामिल थे।