युवा संवाद: देश—दुनिया व समाज की दिशा बदलने में युवाओं की भूमिका अहम्; ‘वर्तमान परिदृश्य और युवा’ विषय पर हुआ गहन मंथन; अमन संस्था, यूथ फैडरेशन, यूथ फोरम व सीएसीएल का साझा कार्यक्रम

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा यहां एक होटल सभागार में ‘वर्तमान परिदृश्य और युवा’ विषयक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें युवाओं को तमाम जानकारियों से रूबरू कराते…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

यहां एक होटल सभागार में ‘वर्तमान परिदृश्य और युवा’ विषयक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें युवाओं को तमाम जानकारियों से रूबरू कराते हुए उनके बीच समूह चर्चा कराई गई। यह बात निकलकर सामने आई कि देश—दुनिया व समाज को बदलने में युवाओं की भूमिका को कदापि नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चर्चाओं के बाद छह सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम अमन संस्था, इंडियन यूथ फैडरेशन, उत्तराखंड यूथ फोरम एवं सीएसीएल के संयुक्त तत्वाधान में हुआ।
युवा संवाद में रोजगार, शिक्षा, गैरबराबरी की समाप्ति और जागरुक लोकतांत्रिक नागरिक, सामाजिक समरसता, युवाओं की राजनैतिक भागीदारी, युवा और पर्यावरण आदि विषयों पर गहन मंथन हुआ। संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि युवा शक्ति ही देश और दुनिया का भविष्य है। ऐसे में देश व समाज का वर्तमान और भविष्य में युवाओं की भूमिका को समझना बेहद जरूरी है। वक्ताओं ने कहा कि कई बड़े आंदोलनों में युवाओं ने अहम् भूमिका अदा की है। इसके अलावा सामाजिक वि​कास में भी युवाओं की भूमिका का नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
युवाओं के संवाद में कहा गया कि आज देश में बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़े हो गई है। एक सर्वे के अनुसार भारत का 33 प्रतिशत दक्ष युवा आज बेरोजगार है। आंकड़ों के आधार पर बताया गया कि बीते वर्ष अगस्त 2020 में भारत में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी पहुंची, जुलाई में देश में लेबर फोर्स की संख्या 42.4 करोड़ थी, जो अगस्त में 42.8 करोड़ पहुंच गई। बताया गया कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, जहां 35.6 करोड़ आबादी युवाओं की है। कहा गया कि एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में किसानों से ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है।
संवाद में कहा गया कि युवाओं से जुड़ा मुद्दा मात्र रोजगार ही नहीं है। यहां समतामूलक समाज की अवधारणा, सभी को समान शिक्षा, युवा अधिकारों की रक्षा और और शिक्षा का अच्छा माहौल या परिवेश की व्यवस्था करना भी हमारे नीति निर्धारकों के कार्य है। वहीं समाज में जाति धर्म, क्षेत्र और लिंग के आधार पर भेदभाव पर चिंता प्रकट की गई। कहा गया कि ये बातें युवाओं को भटका रही हैं, जबकि संविधान की मूलभावना सामाजिक समरसता और समतामूलक समाज है। यह भी कहा गया कि युवा शक्ति अपनी राजनैतिक समझ, दृष्टि और दिशा से एक नया समाज का निर्माण कर सकती है और इसके अलावा यह बात भी पूरे दम से कही गई कि ​यदि पर्यावरणीय संकटों से बाहर आना है, तो युवाओं की सोच और शक्ति ही इसमें अहम भूमिका निभा सकती है। युुवा संवाद के दौरान प्रेसवार्ता आयोजित की गई। जिसमें कार्यक्रम की गतिविधियों को बताया गया। प्रेसवार्ता में बबीता मेहरा, भावना कनवाल, नीलम, कुंवर रावत, मुकेश सिंह, दिव्या बोहरा, आरती डांगी, दीपांशु, तनुजा आदि मौजूद रहीं।
संवाद विभिन्न सत्रों में पूरा हुआ। युवाओं के बीच समूह चर्चा और गहन विचार मंथन कराया गया। अंत में युवाओं ने उक्त चर्चाओं के आधार पर छह सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया। उक्त कार्यक्रम में अमन संस्था के रघु तिवारी, नीलिमा भट्ट, विमला, रेनु नेगी, नीमा कांडपाल, मना खत्री, कमला खत्री, पूरन सिंह, प्रेम पंचोली, आकाश बोहरा, कमल बोहरा, नीलम बिष्ट, मनीषा बोरा, हंसी जैड़ा, संगीता, अनिल डांगी, भावना सिनारी, ज्योति भंडारी, अंजू आर्या, कविता आर्या, आकांक्षा, अशोक कुमार, हरीश लखेड़ा आदि मौजूद थे।

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