आस्था की बयार: मां की भक्ति से सराबोर रही सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा

🟣 भव्य शोभायात्रा निकली, क्वारब स्थित संगम पर​ मूर्ति विसर्जन 🟣 इस बार नवरात्र में नौ स्थानों सजा रहा मां दुर्गा का दरबार सीएनई रिपोर्टर,…

🟣 भव्य शोभायात्रा निकली, क्वारब स्थित संगम पर​ मूर्ति विसर्जन

🟣 इस बार नवरात्र में नौ स्थानों सजा रहा मां दुर्गा का दरबार

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में शारदीय नवरात्र के बाद आज दशमी को मां दुर्गा मूर्तियों की पूरी श्रद्धा के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान नगर मां के जयकारे से गुंजायमान रहा। महिलाओं ने घरों व छतों से भव्य दुर्गा मूर्तियों पर पुष्प व अक्षतों की वर्षा की। शोभायात्रा में इन मूर्तियों के साथ श्रद्धालुओं का जत्था मां के जयकारे लगाते तथा भजन-कीर्तन गाते हुए चल रहे थे।

यहां विजयादशमी पर सांस्कृतिक नगरी मां दुर्गा की भक्ति में लीन रही। यहां नंदादेवी, राजपुरा, गंगोला मोहल्ला, धारानौला, लक्ष्मेश्वर, सिमखनी मैदान, पातालदेवी, ढूंगाधारा व चौघानपाटा की दुर्गा महोत्सव समितियों ने पूरे नवरात्रों में मां की मूर्ति स्थापित कर व पंडाल सजाकर भव्यता से दुर्गा महोत्सव मनाया। महोत्सव स्थलों पर नौ दिनों तक पूजा-अर्चना व भजन-कीर्तन की धूम रही। विजयादशमी पर विशेष पूजा के उपरांत जय—जय कार की गूंज के साथ मां दुर्गा की शोभायात्रा निकाली। पहले ये सभी दुर्गा मूर्तियां पालिका के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के समीप एकत्रित की गई। जहां पूजा कर सभी के सुख—समृद्धि की कामना की गई। इसके बाद शोभायात्रा शुरू हुई, जो जयकारों, भजन—कीर्तनों व वाद्य यंत्रों की धुन के साथ माल रोड होते हुए आगे बढ़ी। इस दौरान भक्तों का हुजूम खूब थिरका। महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने सड़क मार्ग के इर्द—गिर्द, घरों व छतों पर खड़े होकर शोभायात्रा के दर्शन किए और पुष्पवर्षा करते हुए अक्षत चढ़ाए।

इन दुर्गा प्रतिमाओं को जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर क्वारब के निकट कोसी नदी व सुयाल नदी के संगम पर विधिवत विसर्जित किया गया। इस मौके पर दुर्गा समितियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, नगरवासी व आसपास के क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि इस बार नगर में नौ स्थानों पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित थी और पंडाल सजे रहे। शोभायात्रा में नंदादेवी, राजपुरा, गंगोला मोहल्ला, धारानौला, लक्ष्मेश्वर, सिमखनी मैदान, पातालदेवी, ढूंगाधारा व चौघानपाटा की दुर्गा मूर्तियां शामिल रहीं। जो बेहद आकर्षक ढंग से सजाई गई थीं।

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