सच्ची गौ सेवा: ज्योली (अल्मोड़ा) में बेजुवानों को निवाले में मिले पकवान और फल, गोवर्धन यज्ञ के साथ गौ पूजन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ागोवर्धन पूजा पर्व के उपलक्ष्य में आज गौवंशीय पशुओं की सेवा का खास मौका था और गौ सेवा ट्रस्ट ज्योली (अल्मोड़ा) इस मौके…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गोवर्धन पूजा पर्व के उपलक्ष्य में आज गौवंशीय पशुओं की सेवा का खास मौका था और गौ सेवा ट्रस्ट ज्योली (अल्मोड़ा) इस मौके का भरपूर सदुपयोग किया। परंपरागत तरीके से गौ सदन ज्योली में गायों को बेहतर तरीके से सजाया और उनका विधि विधान से पूजा की गई और इन बेजुवानों को विविध पकवानों का स्वाद चखाया। बकायदा गोवर्धन यज्ञ कराया गया।
गोवर्धन पूजा पर्व के मौके पर गौ सेवा ट्रस्ट ज्योली से जुड़े लोगों के साथ अन्य गौ प्रेमी सुबह गौ सदन ज्योली पहुंचे, जहां ट्रस्ट के सचिव दयाकृष्ण कांडपाल ने गौ सदन में गोवर्धन यज्ञ संपन्न कराया। इस मौके पर गौ सदन में मौजूद गायों की विधि विधान से पूजा की गई और पकवान व फलाहार कराया। इन पूज्यनीय बेजुवानों ने चाव से पकवान ग्रहण करते हुए मंद—मंद ऐसे सिर हिलाया, मानों ये आशीर्वाद प्रदान कर रहे हों। यज्ञ में वरिष्ठ सदस्य पूरन चन्द तिवारी, डा. जेसी दुर्गापाल, ट्रस्ट के अध्यक्ष विपिन चन्द्र जोशी, चन्द्रमणी भट्ट, अल्मोड़ा अर्बन बैक के अध्यक्ष आनन्द सिंह बगडवाल व मनोज सनवाल आदि ने शिरकत की। यज्ञ के बाद सहभोज का आयोजन किया गया।
यज्ञ व भोज के बाद ट्रस्ट की बैठक हुई। जिसमें गोशाला के सचिव दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि दीपावली का त्यौहार गौ पूजन के बिना संपन्न नहीं होता। उन्होंने कहा कि मगर इस परंपरा से आज दूरी बढ़ती जा रही है और आज दीपावली पर्व एक फैशन का रुप ले रहा है। उन्होंने कहा कि गौवंश का मानव जीवन से गहरा व अटूट नाता है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि का गौ वंश आधार है और धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाली भी गौवंश

ही है। मगर दुखद पहलू ये है कि आज इसी गौवंश की समाज में बेकद्री कर रहा है। बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि इस वर्ष कोरोनाकाल के चलते ट्रस्ट का समारोह स्थगित किया जाता है। अंत में ट्रस्ट के संरक्षक मदन लाल साह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक में औषधि वैज्ञानिक एससी तिवारी, प्रो. बीएस नेगी, प्रताप सिंह सत्याल, बीबी पन्त, महेश चंद्र पन्त, यशवन्त सिंह परिहार, अमर सिंह रजवार, महेश सिंह कुमैय्या, आनन्दी वर्मा, जानकी काण्डपाल, रघुबीर सिंह बोरा, एमसी काण्डपाल, अमरनाथ सिंह रजवार, आदित्या नेगी आदि ने विचार रखे।

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