सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अगस्त क्रांति के उपलक्ष्य में आज जिला कांंग्रेस कार्यालय अल्मोड़ा में कांग्रेसजनों ने गोष्ठी करते हुए अगस्त क्रांति पर विचार रखे। इस मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गोष्ठी में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीताम्बर पान्डेय ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए तमाम छोटे-बड़े आंदोलन हुए। अंग्रेजी सत्ता को भारत की जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ी गई अंतिम लड़ाई को ही ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से पुकारा गया है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए पूरे भारत के युवाओं का आह्वान किया था। इसी वजह से इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। इस आन्दोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी, इसलिए इसे अगस्त क्रांति भी कहा जाता है।
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन देश की आजादी के लिए एक निर्णायक मोड़ था। आजादी पाने के लिए इस आंदोलन नेताओं के साथ ही जनता का पूरा साथ रहा। जो निर्णायक साबित हुआ। गोष्ठी में जिला उपाध्यक्ष गोपाल सिंह चौहान, जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक, जिला सचिव दीपांशु पान्डेय, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी, संजय दुर्गापाल, महिला नगर अध्यक्ष गोपा नयाल, जिला महामंत्री राधा बिष्ट, गीता सैनी, ज्योति बिष्ट, गीता मेहरा, फाकिर खान, महेश चंद्र आर्या, राबिन मनोज भण्डारी, संजय कुमार सहित दर्जनों कांंग्रेसजन शामिल रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पीताम्बर पान्डेय और संचालन नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने किया।