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सीएम धामी ने कोरोना पर ली अहम बैठक, बूस्टर डोज समेत दिए ये बड़े निर्देश

देहरादून| कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर केंद्र के साथ अब राज्य सरकारें भी अलर्ट हो गई हैं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस पर चर्चा शुरू कर दी हैं। बात करते हैं उत्तराखंड की तो यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गुरुवार को सचिवालय में एक बैठक बुलाई जिसमें सभी महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल हुए।

कल से बूस्टर डोज

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य में बूस्टर डोज लगवाने का अभियान चलाया जाए। इसके लिए कल शुक्रवार से ही सभी जनपदों में बूस्टर डोज के लिए कैंप लगाए जाएं। साथ ही सभी जनपदों में कंट्रोल रूम को भी सक्रिय किया जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के जो भी नए केस आयेंगे, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाए।

बूस्टर डोज की शीघ्र भेजे केन्द्र को डिमांड

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बूस्टर डोज लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। इसका विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को कोविड की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड बूस्टर डोज की जितनी आवश्यकता है, शीघ्र केन्द्र सरकार को डिमांड भेजी जाए। सभी आवश्यक संसाधनों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा की राज्य में कोविड की प्रथम एवं द्वितीय डोज लगभग शत प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। बूस्टर डोज के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव अमरदीप कौर एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड नए वेरिएंट को लेकर सतर्क

उत्तराखंड भी नए वेरिएंट लेकर सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद जल्द ही नई एसओपी (मानक प्रचलन प्रक्रिया) जारी की जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने विभागीय अधिकारियों की बैठक कर सीएमओ को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमितों के 10 प्रतिशत सैंपलों की अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। जिससे कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लग सके। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक ओमिक्रॉन के पुराना स्वरूप का प्रभाव है। वायरस का नया वेरिएंट नहीं मिला है।

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