अल्मोड़ा न्यूज: बच्चों ने पीएम, सीएम व डीएम को पत्र लिख बेहतर सोच उजागर की, आनलाइन पत्र लेखन कार्यशाला ने जगाई अलख

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाबच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा बच्चों की आनलाइन ‘पत्र लेखन कार्यशाला’ आयोजित की गई। जिसमें 27 बच्चों ने अपने…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा बच्चों की आनलाइन ‘पत्र लेखन कार्यशाला’ आयोजित की गई। जिसमें 27 बच्चों ने अपने माता-पिता, दादा-दादी तथा भाई-बहन समेत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को पत्र लिखे। इन पत्रों में पटाखे, प्रदूषण तथा फिजूलखर्ची पर अपने विचार प्रकट किए। बाल सोच के ये पत्र बेहद प्रेरणादायी हैं।
सर्वप्रथम बालप्रहरी संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान के सचिव उदय किरौला ने बच्चों को पत्र लेखन विधा की जानकारी दी। गूगल मीट पर गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल ज्यौड़िया, जम्मू की कक्षा 12 की छात्रा आशिमा शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित ऑनलाइन वेबीनार में पढ़े गए इन
पत्रों में से अधिकतर पत्रों के अंत में ‘कलम की गलती माफ करना’ लिखा था। अधिकतर बच्चों ने पत्रों को सही प्रारूप में लिखा था। खास बात ये है कि मोबाइल, वाट्सअप तथा एसएमएस के वर्तमान दौर में पत्र लेखन विधा विलुप्ति के कगार पर है, तो ऐसे में बच्चों ने अपने अभिभावकों की मदद से ही सही, लेकिन पत्र लेखन में दिलचस्पी ली। कार्यक्रम का लक्ष्य बच्चों को पत्र लेखन का हुनर देना था।
वेबीनार के मुख्य अतिथि टोंक (राजस्थान) के अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी ने बच्चों के पत्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक दौर था, जब पत्र ही अपनों को दुख-दर्द बांटने का माध्यम होता था। लोग अपनों को पत्र लिखकर अपना गुबार निकालकर मन हल्का करते थे। बच्चों द्वारा पढ़े गए पत्रों में ‘कलम की गलती माफ करना’ वाक्य पर उन्होंने कहा कि पत्र हमें दूसरों का सम्मान करना भी सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों ने अपने पत्रों के माध्यम से जीवन मूल्यों को उजागर करते हुए संवेदनशील होने की बात कही है। ज्ञातव्य है प्रशासनिक अधिकारी तथा साहित्यकार डॉ. सूरजसिंह नेगी ने ‘पाती अपनों के नाम’ एक अभियान चलाकर लोगों को पत्र लेखन के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया है।
वेबीनार का संचालन राजकीय जूनियर हाईस्कूल छतरपुर,ऊधमसिंहनगर की कक्षा 8 की छात्रा मीनाक्षी रौतेला ने किया जबकि अर्जरागिनी सारस्वत, कोमल रावत, प्रांजलि लोहनी, लक्षित लोहनी, प्रिया जोशी, गुंजन पांडे, दिव्यम कनवाल, फाल्गुनी शक्टा, सुवर्णा जोशी, देवरक्षिता नेगी, खुशी रावत, मयंक परगाई, आद्या त्रिपाठी, अवंतिका ओझा, मानवी बिष्ट, वीरेंद्रसिंह बिष्ट, अभिषी गुप्ता, चित्रांशी लोहनी, सृष्टि बिष्ट, मन्नत हनीफ, मीनाक्षी बिष्ट, शिवांशी जोशी तथा रचित शक्टा ने अपने—अपने पत्रों का वाचन किया। बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा पत्र वाचन करने वाले सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
इस वेबिनार में बालप्रहरी के संरक्षक श्याम पलट पांडेय, शिक्षा विभाग उत्तराखंड के उप निदेशक आकाश सारस्वत, डॉ. कीर्ती बल्लभ शक्टा, आभा जोशी, डॉ. कमलेश शक्टा, दीपा तिवारी, सुधा भार्गव, विमला जोशी, रितु महाजन, मीरासिंह ‘मीरा’, शशांक मिश्र, विमला नागला, परमेश्वरी शर्मा,भावना भंडारी, सुनीता साह, भुवनचंद्र जोशी, रूपा राय ‘मौली’, शशिओझा आदि शामिल हुए। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने बताया कि 7 नवंबर को अन्य बच्चे अपने पत्रों का वाचन करेंगे।

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