सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत
गत दिवस भारी बारिश के बाद हुए आपदा के हालातों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग में फंसे यात्रियों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में रानीखेत से पहुंचे सेना की घिंघारीखाल बटालियन के 150 जवानों ने अत्यंत सराहनीय भूमिका निभाई।
घिंघारीखाला डोगरा बटालियन के जवानों ने मुख्य रूप से खैरना व कैंचीधाम में बचाव एवं राहत अभियान चलाते हुए सैकड़ों सैलानियों व नागरिकों को भारी बारिश के दौरान आपदा सम्भावित क्षेत्रों से सुरक्षित रेस्क्यू किया। सेना के यह जवान सुबह से रात तक बखूबी बचाव अभियान को अंजाम देते रहे। कैंचीधाम और खैरना में फंसे यात्रियों के ठहरने के लिए आस—पास के स्कूलों व अन्य आवासीय परिसरों में अथवा टैंट लगाकर व्यवस्था की गई।
जवानों ने सड़क मार्ग बाधित हो जाने के कारण काफी देर से एक ही स्थान पर फंसे हुए यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया। रात 3 बजे तक यह रेस्क्यू अभियान चलता रहा। यही नहीं इन सैनिकों ने फंसे हुए भूखेद्य—प्यासे बच्चों, महिलाओं व अन्य लोगों के लिए स्वयं भोजन की व्यवस्था भी की। सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाये गये यात्रियों ने सेना के इन वीर जवानों का अभार जताते हुए कहा कि यदि यह जवान समय पर नहीं पहुंचते तो हालात बहुत खराब हो सकते थे।
What ever politicians and bureaucrats speak wrong about Army, it is the Army and Army only which comrs to rescue in all times of national crisis