रानीखेत जिले के लिए एकजुट होने का आह्वान, विभिन्न संगठनों ने दिया धरना

सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत बहुप्रतीक्षित रानीखेत जिले की मांग को लेकर नगर वासियों और जन प्रतिनिधियों ने यहां सुभाष चौक पर धरना दिया। इस मौके पर…

सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत

बहुप्रतीक्षित रानीखेत जिले की मांग को लेकर नगर वासियों और जन प्रतिनिधियों ने यहां सुभाष चौक पर धरना दिया। इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए विधायक करन मेहरा ने कहा कि अतीत में हुई खामियों और मतभेदों को भुलाकर नए सिरे से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने की आवश्यकता है। सभी वक्ताओं ने राज्य की मांग को मुकाम तक पहुंचाने का आह्वान किया।

यहां सुभाष चौक पर विभिन्न संगठन के प्रतिनिधियों के साथ क्षेत्रीय विधायक करन माहरा और अन्य जनप्रतिनिधियों ने धरना दिया। सभा को संबोधित करते हुए विधायक करन मेहरा ने कहा कि रानीखेत जिले की मांग काफी पुरानी है। जो आज तक पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि जिले के लिए कई बार आंदोलन हुए लेकिन विभिन्न स्तरों पर जो भी खामियां रही उन्हें दोहराने से अब कोई लाभ नहीं होगा।

जिले के लिए नए सिरे से आंदोलन और अभियान की रणनीति तय करते हुए सभी लोगों को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को आपसी मतभेद और प्रतिबद्धता त्याग कर जिले की मांग पर आगे आना होगा। विधायक ने कहा कि भिकियासैंण क्षेत्र में रामगंगा जिले की मांग उठती रही है। इस बात के प्रयास करने की आवश्यकता है कि नए जिले में सभी लोगों की सुविधा का ध्यान रखा जाए, जिला प्रशासन 3 दिन रानीखेत में और 3 दिन भिकियासैंण मैं रहे।

विधायक ने पूरी एकजुटता के साथ सरकार के समक्ष राज्य की मांग को मजबूती से रखने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए अपने स्तर से हर तरह से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया, और साझा रणनीति तय करने की अपील की। रानीखेत जिला बनाओ संघर्ष समिति के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चंद्र भगत ने जिले के लिए अभी तक किए गए संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लंबा समय बीत जाने के बावजूद अभी तक जिले का गठन नहीं हुआ है, लोगों को मतभेद त्याग कर जिले के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आंदोलन के संचालन के लिए शीघ्र ही कोर कमेटी बनाई जाएगी और आंदोलन का कार्यक्रम तय किया जाएगा।राज्य विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि पूर्व में कई बार जिले के लिए आंदोलन हुआ। लेकिन राजनीतिक खींचतान और साजिशों के चलते यह आंदोलन कमजोर पड़ गया और राज्य की मांग पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि आन्दोलन मैं दिशाहीनता और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के चलते सफलता नहीं मिली और आंदोलनों के प्रति लोगों का विश्वास कमजोर पड़ गया।

वर्तमान में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे समय में राज्य की मांग को मुकाम तक पहुंचाया जा सकता है। क्षेत्र के लोगों को एकजुट करके अभियान चलाना होगा। सोशल मीडिया पर जिला आंदोलन का अभियान चला रहे वरिष्ठ आंदोलनकारी डीएन बड़ौला, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मोहन नेगी, नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष मनीष चौधरी सहित अन्य वक्ताओं ने भी एकजुट होकर निर्णायक आंदोलन चलाने पर जोर दिया, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी संपर्क करके पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लेने का सुझाव दिया। धरना प्रदर्शन में पीसीसी सदस्य कैलाश पांडे, आप के प्रांतीय सदस्य अतुल जोशी, व्यापार मंडल उपाध्यक्ष नेहा मेहरा, संदीप गोयल, विनीत चौरसिया, विश्व विजय माहरा, हर्षवर्धन पंत, विमल भट्ट, महेश आर्य, यतीश रौतेला, संदीप बंसल, कुलदीप कुमार सहित तमाम लोगों ने भाग लिया।

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