BSI ने अपने official twitter handle से share किया अल्मोड़ा का फूलदेई, पढ़िये ख़बर

Botanical Survey of India shared with its official twitter handle Phuldei of Government Primary School, Bajela, Almora सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा बच्चों ने शिक्षक संग किया…

Botanical Survey of India shared with its official twitter handle Phuldei of Government Primary School, Bajela, Almora

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

  • बच्चों ने शिक्षक संग किया औषधीय फूल और पौधों के हरबेरियम का निर्माण
  • जैविक पदार्थों को संग्रहित कर बनाये सुंदर उत्पाद
  • राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला में हर्षोल्लास से मनाया गया फूलदेई

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण Botanical Survey of India ने अपने official twitter handle से अल्मोड़ा के एक प्राथमिक विद्यालय में मनाए गए बाल लोक पर्व फूलदेई को साझा किया है, जो कि निश्चित रूप से समस्त जनपद व प्रदेश वासियों के लिए गौरव की बात है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला, विकासखंड धौलादेवी के सहायक अध्यापक भास्कर जोशी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष से फूलदेई बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता (Botanical Survey of India Kolkata) के मीडिया संकाय के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक खास बात यह भी रही कि बच्चों ने उनके साथ स्थानीय परिवेश में उगने वाले औषधीय फूल और पौधों के हरबेरियम herbarium का निर्माण भी किया। बच्चों को पारंपरिक ज्ञान के बारे में बताया गया, जो अब विलुप्ति हो रहा है। इस हेतु बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया में कार्यरत वैज्ञानिक संजय सिंह ने मदद की।

इसी क्रम में आज सोमेवार को यहां राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला विकासखंड फूलदेई हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के लोक पर्वों के प्रचार—प्रसार, संरक्षण व रचनात्मक तरीके से आगामी पीढ़ी को हस्तांतरित करने का है। जिसके तहत प्रकृति और संस्कृति के पर्व हरेला, अन्न-धन के पर्व घी-संग्रांद और बाल-रचनात्मकता को फूलदेई के साथ विकसित करने का सफल प्रयोग बच्चों के साथ लंबे समय से किया जा रहा है।

शिक्षक भास्कर जोशी ने बताया कि पिछले वर्षों से इसे बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के मीडिया संकाय के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर
बच्चों ने चित्रकारी प्रतियोगिता में भी भाग लिया और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

उन्होंने बताया कि यह मौका बाल रचनात्मकता को बढ़ाने का भी है। इसी उद्देश्य से बच्चों ने जैविक पदार्थ जैसे पुराने अखबार, कागज, गत्ते से बहुत सुंदर फूलों की टोकरियां बनाई और उन्हें सजाया। सभी बच्चो ने अपनी अपनी टोकरियों में विभिन्न प्रकार के फूल जैसे बुरांश, प्योली, आडू, मेहल, बासिंग इत्यादि से सजाई। चूंकि यह बाल पर्व, समुदाय के साथ मिलकर आयोजित किया था इसीलिए अभिभावकों ने भी प्रकृति संरक्षण के लिए वचन लिया और बच्चो द्वारा फूलदेई पर बनाई दीवार पत्रिका का अवलोकन किया।

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