वीडियो : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भगत के लिए महामारी और यातायात नियमों के लिए नहीं है कोई मायने

हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत अपनी गैरजरूरी टिप्पणियों के चलते विवादों में तो फंसे ही रहते हैं पार्टी के नेताओं और…

हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत अपनी गैरजरूरी टिप्पणियों के चलते विवादों में तो फंसे ही रहते हैं पार्टी के नेताओं और सरकार के लिए भी कई बार असहज स्थिति उत्पन्न कर देते हैं। कुछ समय पहले उन्होंने भीमताल क्षेत्र में मजाक मजाक में भरे मंच से सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर ऐसी टिप्पणी कर दी जो गैरजरूरी तो थी ही
कुछ कार्यकर्ताओं के बीच तालियां मिलने के बाद भगत के लिए बड़ी मुश्किल बन कर उभरी। सख्त प्रतिक्रिया मिलने पर बाद में भगत ने माफी मांग कर विवाद से अपनी जान छुड़ाई, अभी लोग इस मामले को भूले भी नहीं थे कि अब उन्होंने पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के चुनाव क्षेत्र चौबट्टाखाल में जनसभा में ऐसी टिप्पणी कर दी जिससे केंद्र व प्रदेश सरकार के नियमों की नाफरमानी की झलक साफ दिखाई पड़ती है।
कुछ दिन पहले ही बंशी बाबू पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के चुनाव क्षेत्र में दौरा करने गए थे, यहां एक जनसभा में बोलते हुए बंशी बाबू इतने जोश में आ गए कि उन्हें याद ही नहीं रहा कि वे लोगों को जो कुछ बता रहे हैं उससे उनकी सरकार की कार्यशैली पर ही सवालिया निशान लग रहे हैं।

देखिए— खरी—खरी : अपनी ही सरकारों से बंशीधर भगत की नाफरमानी

दरअसल बंशीबाबू चौबट्टाखाल की जनता को बता रहे हैं कि भाजपा का प्रदेश में कैसा जलवा है। उदाहरण देते हुए वे कह रहे हैं कि पिछले दिनों वे रामनगर गए थे। वे भाजपा की रैली में 1500 बाइकें शामिल हुई और सबमें तीन तीन लोग सवार थे। मतलब समझे आप— पहली बात तो यह कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने यातायात नियमों की अवहेलना की। दूसरी बात यह कि जब एक बाइक में तीन तीन लोग सवार रहे होंगे तो महामारी अधिनियम के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां भी इन 15 सौ बाइकों ने उड़ाई।
ऐसा होता है…लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की ही सरकार चल रही है ऐसे में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष स्वयं ही इस बात को इतनी गर्व से बता रहा है कि वे स्वयं निमय तोड़ने वाले लोगों में से हैं। इसे चौबट्टाखाल के लेागों को ऐसी ही रैलियां निकालने के लिए वे उकसाने वाला भाषण भी कहा जा सकता है। यानी अपनी ही सरकारों के नियम को स्वयं ही न मानने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लोगों को तैयार कर रहे है।
इसका अर्थ यह हुआ कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सारी अपीलें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डस्टबीन में डाल कर भूल गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *