Almora : भाजपा ने समस्त 876 बूथों में मनाई पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती

आज भी प्रासंगिक हैं पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा भाजपा द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105 वीं जयंती संपूर्ण जनपद में धूमधाम…

आज भी प्रासंगिक हैं पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

भाजपा द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105 वीं जयंती संपूर्ण जनपद में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर जिले के समस्त 876 बूथों में कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। नगर क्षेत्र में स्थित दीन दयाल पार्क में पं. दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।

पार्टी के जिला अध्यक्ष रवि रौतेला एवं विधानसभा उपाध्यक्ष व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान ने अल्मोड़ा नगर में स्थित दीनदयाल पार्क में जाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यार्पण किया व पुष्प अर्पित किए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर अल्मोड़ा जिले के 876 बूथों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद पूरी दुनिया को राह दिखाने वाला है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि जब तक हम अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति का विकास नहीं कर लेते उस तक उसके जरूरत के हर सामान को उपलब्ध नहीं करा देते तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता। समाज मनुष्य से बनकर बना है बना है और समाज एक देश का निर्माण करता है इसलिए देश को आगे बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति का विकास आवश्यक है। यही कार्य केंद्र में पिछले 7 वर्षों से नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है और उत्तराखंड राज्य में पिछले 5 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस कार्य को निरंतर आगे बढ़ा रही है।

जिला अध्यक्ष रवि रौतेला ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय न कहीं खोए हैं और न ही अप्रासंगिक हुए हैं। विचार और विचारक की कभी मृत्यु नहीं होती। वे हमारे बीच अपनी छाया छोड़ जाते हैं और उनकी छाया सदैव अजेय-अमर होती है। अत: दीनदयाल जी की वैचारिक छाया में एक नहीं, अनेक कार्यकर्ता उनके विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। समाज जीवन में जब तक मनुष्य है, तब तक पं. दीनदयाल उपाध्याय अप्रासंगिक नहीं हो सकते। उनके विचार के केन्द्र बिन्दु में मनुष्य है। अत: मनुष्य के लिए बना विचार मनुष्य के रहते कैसे समाप्त हो जाएगा। दीनदयाल का जीवन राजनीति में संस्कृति के राजदूत का सा जीवन है। अगर उनका जीवन मात्र राजनीति का होता तो शायद यह विचार किया जा सकता था कि वे आज प्रासंगिक हैं या अप्रासंगिक। संस्कृति के कारण ही राष्ट्र की रक्षा होती है और राष्ट्र की पहचान बनती है। अत: विचारों के रूप “संस्कृति के राजदूत” की सदैव प्रासंगिकता रहेगी ही।

कार्यक्रम में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री गोविंद पिलख्वाल, ओबीसी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष अजय वर्मा, नगर अध्यक्ष कैलाश गुरुरानी ने भी विचार रखे। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष दर्शन रावत, विनीत बिष्ट, सभासद अमित शाह मोनू, नगर महामंत्री व सभासद मनोज जोशी, पूनम पालीवाल, धर्मवीर आर्य, अजय वर्मा, आशीष कुमार, अर्जुन बिष्ट, पीयूष कुमार, देवेंद्र सिंह, सुनील जोशी, दीक्षित जोशी, आशीष गुरुरानी, वैभव बिष्ट, राजेंद्र प्रसाद, रमेश लाल, मनीष जोशी, पारस कांडपाल, पंकज लटवाल, राजेंद्र बिष्ट, रवि शैली, नवीन बिष्ट, पंकज लटवाल, संजय जोशी, शरद गुरुरानी, अशोक जोशी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

इधर भाजपा नगर मंडल में नंदा देवी वार्ड, रामशिला वार्ड, बद्रेश्वर वार्ड, सैलखोला वार्ड के बूथों पर भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी जन्म जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रामशिला वार्ड आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विनीत बिष्ट ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण विश्व को एक ऐसा दर्शन दे गए हैं, जिसमें मानव विकास की बात कही गई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करते हुए आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का विकास के लिए संकल्पबद्ध है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन कठिन संघर्षों में बीता जहां 7 वर्ष की आयु में ही वह अनाथ हो गए। वहीं कुछ समय पश्चात उनको पालने वाले उनके नाना का भी स्वर्गवास हो गया, लेकिन कर्मशील दीनदयाल उपाध्याय कभी नहीं देखी वह लगातार मानव विकास बात करते रहे और उसे आगे बढ़ाते रहे। अल्मोड़ा में रहकर भी दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद में काफी कार्य किया। कई विषयों को उन्होंने अल्मोड़ा में प्राप्त किया और उसे एकात्म मानववाद में पंक्तिबद्ध किया। कार्यक्रम में अजय वर्मा, दीपक वर्मा, रोहित शाह, विद्या बिष्ट, निर्मला जोशी, बीना नयाल, सलमान अंसारी, मुदस्सर आदि मौजूद रहे।

उधर जागेश्वर मंडल के सेला बूथ संख्या 172 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता सुभाष पांडेय ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर पं. उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर भुवन जोसी, राजेन्द्र बनौला, दीवान सिंह, मोहन सिंह बनौला, महिपाल प्रसाद, शेखर जोशी, नारायण राम, विनोद जोशी, वीरेंद्र प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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