सभा के जरिये खींचा लंबित मांगों पर ध्यान, ज्ञापन भेजे
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वरः प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर प्रदेश के फार्मासिस्ट चरणबद्ध आंदोलन पर हैं। जिसके पहले चरण में बाहों में काला फीता बांधकर विरोध दर्ज किया गया और आज दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम को सफल बनाया गया। इसी क्रम में अल्मोड़ा व बागेश्वर में भी फार्मासिस्टों ने धरना-प्रदर्शन किया और सभा कर अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशक व स्वास्थ्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किए।
अल्मोड़ाः डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा के पदाधिकारी व सदस्य आज सुबह 10 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में जुटे, जहां उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया और सभा के जरिये अपनी विभिन्न लंबित मांगें उठाईं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक सतत प्रयासों के बावजूद उनकी मांगों की पूर्ति नहीं की गई। इस कारण उन्हें आंदोलन की राह चलना पड़ा है। इसके बाद उन्होंने सीएमओ व विधायक के माध्यम से मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को ज्ञापन भेजे। धरने की अध्यक्षता कार्यकारी जिलाध्यक्ष जीएस कोरंगा व संचालन जिलामंत्री रजनीश जोशी ने किया।
धरने में इनके अलावा गोकुल मेहता, बीबी जोशी, एमसी अधिकारी, भगवती प्रसाद पांडे, आनंद पाटनी, विनोद कुमार धपोला, गोपाल जोशी, कैलाश चंद्र जोशी, गणेश चंद्र पंत, जीआर आर्या, योगेश गोस्वामी, डीपी जोशी, महेश चंद्र पुजारी, जेएस मनराल, सुमन चम्याल, माया पांडे, बीसी वर्मा, मनोहर मेहता, श्वेता शैली व सोनू पाठक आदि फार्मासिस्ट शामिल रहे।
बागेश्वर में भी फार्मासिस्ट मुखर
बागेश्वरः 15 सूत्रीय मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वह आंदोलन तेज करेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को ज्ञापन भेजा। शुक्रवार को एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कपकोटी के नेतृत्व में फार्मासिस्ट जिलाधिकारी कार्यालय पर एकत्र हुए। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। वहां आयोजित सभा में कहा कि आईपीएचएस मानक में पद कम हैं। सीएमओ के अंडर 63 पद वीआइपी ड्यूटी ले लिए एक्टिवेट थे, वह अभी तक स्वीकृत नहीं हो सके हैं। 119 पदों के पद सोपान सहित मूल विभाग के फार्मासिस्ट संवर्ग में वापस नहीं किया जा रहा है। 10 वर्ष की सेवा पूरी होने पर प्रथम एसीपी का लाभ दिया जाए। केंद्र सरकार की भांति पेशेंट केयर भत्ता नहीं मिल सका है।
पोस्टमार्टम भत्ता यानी पारिश्रमिक में व्याप्त विसंगति दूर नहीं की जा रही है। उन्हें 300 रुपये भत्ता दिया जाए। 35 वर्ष तक पदोन्नत नहीं होने पर फार्मासिस्ट को पूर्व की भांति एसीपी पदोन्नति वेतनमान दिया जाए। उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग भी की। इस दौरान केवलानंद धौनी, राजकुमार आर्य, हरि प्रसाद, पीसी तिवारी, अनिल कुमार, प्रकाश गोस्वामी, हेमवती नंदन, सुनील कुमार, हरीश सिंह ऐठानी, बचे सिंह खाती, अनीता रावल, आरएस कपकोटी, कमलेश कुमार, प्रेमा साह, राजेश जोशी, सुरेंद्र शाही आदि उपस्थित थे।