उत्तरायणी मेला: बड़ी संख्या में भक्तों ने सरयू में लगाई डुबकी, त्रिमाघी पर्व शुरू

बम—बम भोले के जयघोष से गूंजी बागनाथ नगरी मंदिरों में भारी भीड़, पूजा अर्चना का लगा तांता सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: सरयू स्नान के साथ ही…

बम—बम भोले के जयघोष से गूंजी बागनाथ नगरी

मंदिरों में भारी भीड़, पूजा अर्चना का लगा तांता

मेले का आनंद लेते पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार व अन्य लोग।

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: सरयू स्नान के साथ ही जिले में त्रिमाघी पर्व शुरू हो गया है। श्रद्वालुओं ने ब्रह्ममूहुर्त में सरयू में गोते लगाए और बम-बम भोले का जयघोष किया। बागनाथ, कालभैरव बैणीमाधव मंदिर में पूजा अर्चना की। पूजा के लिए सुबह पांच बजे से ही मंदिरों में भीड़ लगने लगी। यह सिलसिला दिनभर चलता रहा। पुरोहितों ने यजमानों की पूजा कराई। मनौती पूरी होने पर लोगों ने मंदिर में भेंट आदि समर्पित किया। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। बागनाथ मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रही। इसके अलावा कांडा, कपकोट, गरुड़, दुग-नाकुरी के शिव मंदिरों में सुबह से ही लोगों भी भीड़ रही। लोगों ने सुख संमृद्धि के लिए पूजा अर्चना की।

जनेऊ व मुंडल संस्कारों की रही भरमार

मकर संक्रांति पर जनेऊ व मुंडल संस्कार का विशेष महत्व है। बागेश्वर को कुमाऊं की काशी कहा जाता है। इस कारण दूर-दूर से लोग इस पर्व पर बच्चों का उपनयन संस्कार कराने यहां आते हैं। कई प्रवासी वाहन बुक कराकर यहां पहुंचे और संस्कार कराकर लौट गए। सबसे अधिक जनेऊ व मुंडल कार्यक्रम सूरजकुंड में हुए। इसके बाद बागनाथ मंदिर के सामने सरयू में हुए। उधर कपकोट सरयू नदी में भी जनेऊ संस्कार हुए।

जिले में बड़े हिस्से में मनाया घुघुतिया पर्व

आधे से अधिक जिले ने रविवार को घुघुतिया पर्व मनाया। कांडा, दुग नाकुरी, कपकोट तथा सरयू पार के गांव के बच्चों ने सुबह की घुघुते की माला गले में डालकर बच्चे काले कौवा काले घुघुते की माला खाले के साथ कौवो को न्यौता दे रहे थे। सरयू वार के लोगों ने घुघुते बनाए। यहां के बच्चे सोमवार को कौवों को बुलाएंगे। यह पर्व जिले में दो दिन मनाया जाता है।

माघी खिचड़ी का लिया आनंद

माघ का महीना शुरू होते ही माघी खिचड़ी का आयोजन शुरू हो जाता है। यह कार्यक्रम एक महीने तक चलता है। जूना अखाड़ा तथा हिंदू जागरण मंच द्वारा आयोजित माघी खिचड़ी का लोगों ने आनंद लिया। यह कार्यक्रम सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक चलता रहा। मेले में आने वाले अधिकतर मेलार्थियों ने इसका प्रसाद लिया।

गरम चाय देती रही ठंड से राहत

हर साल की तरह इस साल भी विहिप, बजरंग दल, अभाविप ने सरयू नदी किनारे चड़कन चाय का आयोजन किया था। इसने मेले में आए मेलार्थियों को काफी राहत दी। गंगा स्नान करने तथा मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं ने चाय पी और ठंड से राहत महसूस किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *