जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों का ऐलान

नई दिल्ली | चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया। जम्मू-कश्मीर में तीन फेज 18…

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों का ऐलान
















नई दिल्ली | चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया। जम्मू-कश्मीर में तीन फेज 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर और हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होंगे। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।

चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कहा, ‘थ्री जेंटलमेन आर बैक। लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। देशभर ने चुनाव का पर्व मनाया। लंबी कतारें, बुजुर्ग, यूथ वोट डालने गए। लोकतंत्र का जीवित उदाहरण देश ने देखा। जो तस्वीर भारत ने दुनिया को दिखाई, वो चकित करने वाली थीं। जो चमक हमने देखी, वो बहुत दिन तक दिखाई देगी। जब भी कहीं दुनिया में चुनाव होंगे, आपको अपने देश की याद आएगी और हमारी ताकत की याद दिलाती रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हमने जिनसे, राजनीतिक दलों से बात की, सबका मत था कि जल्द से जल्द चुनाव हों। आपको याद है कि मतदान केंद्र पर जो लंबी कतारें लगी थीं, वो जम्हूरियत की ताकत थी। उम्मीद और जम्हूरियत की झलक बताती है कि अवाम अपनी तकदीर खुद बदलना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि खुद देश का भविष्य बदलने का हिस्सा बने।’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- जम्मू कश्मीर की अवाम तस्वीर बदलना चाहती है

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर की अवाम तस्वीर बदलना चाहती है। चुनाव के लिए हर किसी में उत्सुकता है। टीम ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया था। हम मौसम ठीक होने के इंतजार में थे। अमरनाथ यात्रा खत्म होने का इंतजार था। जम्मू कश्मीर में इस समय 87.09 लाख मतदाता हैं। यहां 20 लाख से ज्यादा युवा हैं। 20 अगस्त को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। आखिरी बार यहां 2014 में चुनाव हुए थे। यहां की 87 सीटों में से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे। जनवरी 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया था। करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा। बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन ये गठबंधन ज्यादा नहीं चला। 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया। राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया। अभी वहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हैं।

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