सौ सालों में पहली बार शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का अद्भुत संयोग, जानिए प्रभाव

सीएनई रिपोर्टर
साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगेगा। खास बात यह है कि लगभग सौ साल बाद यह हो रहा है कि सूर्य ग्रहण के दिन शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है।
बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं, केवल कुछ पश्चिमी देशों में ही दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्य रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। वहीं शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल, शनिवार को रात 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर अगले दिवस 01 मई तड़के 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है, जब शनिश्चरी अमावस्या भी साथ ही पड़ रही है। ऐसे में कोई सूतक नहीं लगेगा, लेकिन शनिश्चरी अमावस्या व सूर्य ग्रहण काएक साथ संयोग होना कई राशियों के लिए हितकारी तो कई पर भारी पड़ेगा। अमावस्या का पितृ कार्य और स्नान-दान भी शुभ मुहूर्त में करना होगा। सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा। इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं है, इसलिए मंदिरों में पूजा और स्नानदान पर कोई रोक नहीं होगी। इसलिए किसी भी समय अमावस्या का दान आदि कर सकते हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार अप्रैल माह में शुक्र, राहु, केतु के राशि परिवर्तन के बाद 29 अप्रैल को शनि भी गोचर कर रहा है, जिस कारण कुछ राशियों के जीवन में थोड़ी उथल-पुथल हो सकती है। विशेष रूप से मिथुन, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि के लिए यह हानिकारक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों की गणना के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण का संयोग इन राशियों के लिए अच्छा नहीं रहेगा। स्वास्थ्य, करियर व व्यापार की दृष्टि से हानि हो सकती है।
शनि अमावस्या : शनि की कृपा पाने के लिए करें यह उपाय —
⏩ शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा-आराधना करें। शनिदेव को काला तिल, सरसों का तेल, नीले रंग का फूल जरूर चढ़ाएं। शनि चालीसा का पाठ करने से और भी जल्दी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
⏩ जिन लोगों पर शनिदोष, शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव है उन्हें शनि से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनि मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला या नीलम रत्न की माला से करना चाहिए।
⏩ शनि अमावस्या पर गरीबों को भोजन कराने और असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन कुष्ठ रोगियों को तेल में पका भोजन जैसे पुरी-भजिए आदि दान करना चाहिए।
⏩ इस दिन पितृ तर्पण, पितृ कर्मकांड, नदी-सरोवर स्नान तथा अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करना बेहद शुभ एवं पुण्य फलदायी माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
⏩ शनि अमावस्या पर सामूहिक रूप से घर के सभी सदस्यों को बैठकर सरसो के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
⏩ नासा ने दी यह जानकारी —
वहीं नासा के अनुसार, 30 अप्रैल के ग्रहण के दौरान, सूर्य के बिम्ब का 64 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा से अवरुद्ध होगा।आंशिक ग्रहण होने की वजह से चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक पूर्ण सीधी रेखा में नहीं होंगे। चन्द्रमा अपनी छाया का केवल बाहरी भाग ही सूर्य पर डालेगा, जिसे उप छाया भी कहा जा सकता है।
Note — प्रकाशित आलेख में उपलब्ध कराई गई जानकारियों को लेकर सीएनई कोई पुष्टि नहीं करता है। उक्त विवरण विभिन्न ज्योतिषाचार्यों द्वारा दिया गया है।