श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा ‘बम बम भोले’ के नारों के बीच रविवार को संपन्न हुई, जब भगवान शिव की पवित्र चांदी की गदा ‘छड़ी-मुबारक’ को हवाई मार्ग से ले जाया गया। कोरोना महामारी के कारण सरकार ने इस यात्रा को पहले ही स्थगित कर दिया था।
पवित्र गदा, जिनमें से एक बाबा बफार्नी भगवान शिव और दूसरा शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती का प्रतीक है, के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि ने गुफा में पूजा और अन्य पारंपरिक अनुष्ठानों का नेतृत्व किया। उस समय वहां केवल कुछ चुनिंदा साधु मौजूद थे। इस बार यात्रा में महज पारंपरिक औपचारिकताएं पूरी की गयीं।
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महंत गिरी पवित्र गदा उठाकर आज सुबह श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से निकले और श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के अवसर पर उन्हें हवाई मार्ग से पवित्र गुफा में ले जाया गया। पवित्र तीर्थ में वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए पारंपरिक अनुष्ठान और पूजन किया गया। कोरोना महामारी के कारण पवित्र गदा के साथ साधुओं की सीमित संख्या ही थी। महामारी के शीघ्र उन्मूलन, शांति और समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना भी की गई।
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महंत गिरी ने लोगों से अपील की कि वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए कोरोना से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयास करें, जिसमें टीकाकरण, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों को बार-बार साफ करना शामिल है ताकि महामारी का सफाया हो सके। उन्होंने कहा, “एक बार जब महामारी पराजित हो जाती है तो हम सभी एक बार फिर से बिना किसी प्रतिबंध के अपना प्राकृतिक और सामान्य जीवन वापस पा सकते हैं।”
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यह लगातार दूसरा वर्ष है जब श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने कोरोना महामारी के कारण वार्षिक तीर्थयात्रा को रद्द कर दिया है। इससे पहले पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 एवं 35 ए के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने के बाद भी तीर्थयात्रियों को सुरक्षा कारणों से लौटने के लिए कहने के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी।
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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले महीने दुनिया भर के भक्तों को आभासी पूजा, हवन करने और उनके दरवाजे पर प्रसाद प्राप्त करने की सुविधा के लिए एसएएसबी की ऑनलाइन सेवा शुरू की थी। श्राइन बोर्ड ने कोविड के प्रसार के मद्देनजर लगातार दूसरे वर्ष यात्रा रद्द होने के बाद टीवी और डिजिटल दोनों प्लेटफार्मों पर भगवान शिव की पवित्र गुफा से सुबह और शाम की आरती के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की थी।
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