सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत। द्वाराहाट ब्लाक के सुदूर सिमोली गांव निवासी साकेत बिष्ट ने सेना में अफसर बन प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण पूरा कर अपनी मेहनत के बल पर लेफ्टिनेंट तक का सफर तय किया।

Saket Bisht became lieutenant : उल्लेखनीय है कि आर्मी पब्लिक स्कूल मेरठ से पढ़ाई पूरी करने के बाद साकेत बिष्ट ने 2021 में भारतीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद पुणे में तीन वर्ष का 146वां रेगुलर कोर्स किया। इसके बाद आइएमए देहरादून में 156वें रेगुलर कोर्स के तहत सैन्य प्रशिक्षण पूर्ण किया।
साकेत अब भारतीय सेना की प्रतिष्ठित 159 मीडियम रेजिमेंट (आर्टिलरी) में बतौर लेफ्टिनेंट तैनाती लेकर देश सेवा करेंगे। उनके पिता नवीन बिष्ट भारतीय सेना के सबएरिया हेडक्वार्टर देहरादून में कार्यरत हैं। माता रश्मि बिष्ट एलआइसी अभिकर्ता हैं।
साकेत बिष्ट का लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल होना ना केवल उनके परिवार बल्कि उत्तराखंड के लिए भी गर्व की बात है। दरअसल, साकेत के पिता नवीन बिष्ट ने डिफेंस में काम करते हुए कई सैन्य अधिकारियों को कमांड करते देखा है। उनकी इच्छा थी कि एक दिन उनका बेटा भी ऐसे ही अफसर के रूप में देश सेवा करते हुए कमांड कर सके।
पिता नरेंद्र बिष्ट के सपने को साकेत ने किया पूरा
नरेंद्र बिष्ट ने कहा उन्हें अपने बेटे की इस कामयाबी पर गर्व है। वे बताते हैं साकेत बचपन से ही होनहार था। पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी हिस्सा लेता था। उससे उन्हें इसकी कामयाबी पर पूरा विश्वास था। इसके लिए परिवार ने पूरा प्रयास किया था कि साकेत अपने लक्ष्य को पा सके। नरेंद्र बिष्ट ने कहा हर पिता का एक सपना होता है, जिसे साकेत ने पूरा किया।
ज्ञात रहे कि लेफ्टिनेंट साकेत बिष्ट ने एनडीए क्लियर करने के बाद भारतीय सैन्य अकादमी में 1 साल का प्रशिक्षण लिया है। साकेत ने तीसरे अटेम्प्ट में कामयाबी पाई थी। इसके बाद कठिन प्रशिक्षण को पूरा करते हुए उन्होंने सेना में अधिकारी बनने का रास्ता साफ किया। साकेत की मां नीमा बिष्ट कहती हैं उनके परिवार के लिए यह आज का दिन बेहद गौरवशाली है।