Almora News: उत्तराखंड लोक वाहिनी ने ज्वलंत मुद्दों को लेकर दिया धरना, कोरोना से उपजे संकट के दृष्टिगत विभिन्न मांगें उठाई, सरकार की उदासीनता पर नाराजगी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने आज विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा के लिए वाहिनी अध्यक्ष राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में गांधी पार्क चौघानपाटा…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने आज विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा के लिए वाहिनी अध्यक्ष राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में गांधी पार्क चौघानपाटा में धरना दिय़ा। जिसमें कोरोना की तीसरी सम्भावित लहर के प्रति सरकार की उदासीनता, राशनकार्ड विहीन लोगों की खाद्य सुरक्षा, वास्तविक उत्तराखण्ड में भू—कानून व अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य का द्वेषपूर्वक राजनैतिक स्थानान्तरण पर सवाल उठाये और कई मांगें उठाई।
धरना स्थल पर आयोजित सभा में वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने कहा आज उत्तराखंड के विभिन्न राजनैतिक दलों, जन संगठनों और जागरूक नागरिकों के मंच ‘जन हस्तक्षेप’ के आह्वान पर यह धरना आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को ज्वलंत मुद्दों पर लगातार चेताया जा रहा है, किंतु इसके बावजूद प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। न तो जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा का इंतजाम कर पा रही है और न ही कोरोनाकाल से संकट में आए लोगों को कोई आर्थिक मदद दे पा रही है। वाहिनी महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य सुरक्षा और राहत के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए।
एड. जगत रौतेला ने कहा कि दिहाड़ी मज़दूरों और प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए शीघ्र रोज़गार गारण्टी योजना बनाई जानी चाहिए। दिनेश उपाध्याय ने हर मज़दूर, होटल संचालक, टैक्सी संचालक, गाइड, होटल में कार्यरत कर्मचारी या अन्य गरीब परिवार को न्यूनतम 7500 रुपये प्रतिमाह सहायता देने की मांग उठाई। जंगबहादुर थापा ने कहा कि निजी स्कूलों को आदेश दिया जाये कि वे कम से कम 25 प्रतिशत फीस कम करें। सभा में उलोवा नेता दयाकृष्ण काण्डपाल, रेवती बिष्ट, कुणाल तिवारी, मो. हारिस, डीएन पन्त, नवीन पाठक, विमला बिष्ट, पुष्पा बिष्ट, सूरज टम्टा आदि ने विचार रखे और कई मांगें उठाई। धरना व सभा के अंत में वरिष्ठ पत्रकार कैलाश पाण्डे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके निधन को पत्रकारिता की अपूरणीय क्षति बताया। इसके अलावा पत्रकार ललित भट्ट के पिता मोहन चन्द्र भट्ट के निधन पर भी गहरा दुख व्य​क्त दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रमुखता से उठी ये मांगें
– हर जनपद में एक कण्ट्रोल रूम बने, जहां अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट और एम्बुलेंस की सही जानकारी हो। पर्वतीय क्षेत्रों में ICU सुविधा व उपयुक्त स्वास्थ्य व्यवस्था हर ब्लॉक में उपलब्ध हो।
– राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों का वेतन बढ़ाया जाये। साथ ही उन्हें पीपीई किट उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हो।
– प्रत्येक ICU वार्ड में CCTV लगाया जाये, जिससे लोग कम से कम अपने मरीज को दूर से देख सकें।
– कोरोना जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों का नि:शुल्क इलाज किया जाए। गांव-मोहल्ला व वार्ड स्तर पर टीकाकरण किया जाए और छोटे कस्बों और बाजारों में विशेष टीकाकरण कैंप लगाए जाएं।
– किसी पंजीकरण व राशन कार्ड के बिना सभी लोगों को कम से कम तीन महीने का राशन मुफ्त दिया जाये। पानी—बिजली के बिलों को पूरी तरह माफ किया जाए।
– प्रवासी मज़दूरों सहित हर परिवार के लिये न्यूनतम छह महीने तक नि:शुल्क राशन दिया जाए।
– मनरेगा के अंतर्गत काम के दिनों को 200 दिन तक बढ़ाया जाये और मजदूरी 500 रुपये की जाए।
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