अल्मोड़ाः अचानक दरकी और भरभराकर गिरी पहाड़ी, बड़ा हादसा टला

कई टन मलबा व बोल्डर गिरे, सड़क पर बना टीला सीएनई रिपोर्टर,, अल्मोड़ाः जिले के विकासखंड भैंसियाछाना अंतर्गत बिलवालगांव के पास आज उस वक्त बड़ा…

अचानक दरकी और भरभराकर गिरी पहाड़ी, बड़ा हादसा टला

कई टन मलबा व बोल्डर गिरे, सड़क पर बना टीला

  • सौभाग्य से उस वक्त राह से कोई नहीं गुजरा

सीएनई रिपोर्टर,, अल्मोड़ाः जिले के विकासखंड भैंसियाछाना अंतर्गत बिलवालगांव के पास आज उस वक्त बड़ा हादसा टल गया, जब एक निर्माणाधीन सड़क से लगी पहाड़ी अचानक दरकी और भरभराकर गिर गई। देखते ही देखते सड़क कई टन मलबे से लद गई। सौभाग्य से हादसे के वक्त वहां को कोई नहीं गुजर रहा था, अन्यथा कोई बड़ा हादसा होने की संभावना थी। सड़क पर मलबे का बड़ी टीला बन जाने से करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग ठप गया है।

उल्लेखनीय है कि एक बड़ी ग्रामीण आबादी को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए जमराड़ी बैंड से बिलवाल गांव तक तीन किमी लंबी सड़क निर्माणाधीन है। जिसमें काफी कटान हो चुका है। सड़क के कटान से क्षेत्र के गांवों के पैदल मार्ग विलुप्त हो चुके हैं और आवाजाही का माध्यम यही निर्माणाधीन सड़क है। आज शुक्रवार पूर्वाह्न बिलवालगांव के निकट सड़क के कटान से कमजोर हुई पहाड़ी अचानक दरकी और भरभराकर गिरी। जिससे भारी मात्रा में मिट्टी, पत्थर व बोल्डर सड़क पर गिर गए और देखते ही देखते सड़क पर कई टन मलबे का टीला बन गया। जो गांवों की राह में रोड़ा बन गया है। सौभाग्य से उस वक्त इस मार्ग से कोई नहीं गुजर रहा था। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। मलबा पटने से क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है।

दरअसल, विकासखंड भैंसियाछाना के बिलवालगांव, कटौचिया, भनलगांव, बबुरियानायल समेत करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों को सड़क सुविधा मुहैया कराने के लिए जमराड़ी बैंड से बिलवालगांव तक तीन किलोमीटर लंबी सडक़ बन रही है। इसका निर्माण लोनिवि निर्माण खंड द्वारा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कटान में लापरवाही के कारण पहाड़ी दरकी है, जो भविष्य के लिए खतरा है और क्षेत्रीय लोगों के लिए परेशानी का सबब ही नहीं बल्कि जोखिम बन रही है। उनका कहना है कि सडक़ निर्माण के दौरान छोटे संपर्क मार्गों को नष्ट कर दिया गया है। जिससे लोग आवाजाही में परेशानी का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों ने विभाग से मार्ग को शीघ्र खोलने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *