HomeUttarakhandAlmoraप्रेरणादायी: 'आजीविका' को हथियार बनाकर प्रेरणा बन गई सुनीता

प्रेरणादायी: ‘आजीविका’ को हथियार बनाकर प्रेरणा बन गई सुनीता

— सब्जी उत्पादन से परिवार के भरण—पोषण की चुनौती का मुकाबला

Meeting the challenge of family sustenance through vegetable production

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

महिला काफी मेहनत कर सब्जी उत्पादन करती थी, किंतु यह उत्पादन सिर्फ परिवार के लिए हो पाता था। ऐसे में परिवार के भरण—पोषण का सवाल एक चुनौती के रूप में उनके सामने खड़ा रहा। आय अर्जित करने के लिए ​कुछ नया करने की ठानी और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ गई। आज यह महिला परिवार के साथ—साथ अन्य लोगों के लिए भी सब्जी उत्पादन कर अपनी व आजीविका मिशन की सफलता का सबूत पेश कर रही हैं। वर्तमान में वह सब्जी उत्पादन से 05 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रही हैं।

सुनीता की सफलता की कहानी/Sunita’s success story

उक्त बात किसी काल्पनिक कहानी के अंश नहीं हैं, बल्कि सफलता का एक सच है। यहां बात हो रही है अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना ब्लाक की ग्राम पंचायत उटिया की निवासी सुनीता देवी की। जो पहले से ही सब्जी का उत्पादन का कार्य करते आ रही थी, मगर यह उत्पादन सिर्फ पारिवारिक उपभोग तक ही सीमित रहा और परिवार के भरण-पोषण सवाल उनके सामने एक बड़ी चुनौती की तरह खड़ा था। उन्होंने आजीविका सुधारने के लिए सब्जी उत्पादन को ही जरिया बनाने की ठानी। इसके बाद सुनीता ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़ी और विकासखण्ड से विभागीय योजनाओं की जानकारी ली। इससे उनमें कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ और योजना के बारे में जानकार आत्मविश्वास में इजाफा हुआ।

योजना जुड़ी और जय भारत कलस्टर गठित हुआ, जिसकी वर्तमान में सुनीता देवी अध्यक्ष भी हैं। उनके जज्बे व रुचि को देखते हुए उन्हें पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान रूद्रपुर में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके बाद उन्हें उद्यान विभाग से पॉलीहाउस मिला। पॉली हाउस लगाकर सुनीता मेहनत पर जुट गई और आज वह सिर्फ परिवार के लिए सब्जी उत्पादन नहीं कर रही बल्कि अन्य लोगों के लिए सब्जी उत्पादन कर रही हैं। उनके द्वारा पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन कर नजदीकी बाजारों में बेची जा रही है और इससे आमदनी का सृजन किया जा रहा है।

उद्यान विभाग की ओर से सुनीता देवी को उन्नत किस्म के बीज भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन के लिए सुनीता ने सीआईएफ एवं सीसीएल का उपयोग किया है। सुनीता बताती है कि पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन से उन्हें अच्छी आय हो रही है। उन्होंने बताया कि नजदीकी बाजारों में सब्जी बेचकर वह प्रतिमाह 5000 रुपये कमा रही हैं। परियोजना निदेशक चन्द्रा फर्त्याल ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर सुनीता देवी ने अच्छी सफलता अर्जित की है और उन्हें अपनी आजीविका सुधारने का जरिया मिल चुका है। जिसके माध्यम से आय में वृद्धि करने के लिए सुनीता निरंतर प्रयासरत हैं। शायद इसीलिए सुनीता देवी सहयोग के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का आभार व्यक्त करती हैं।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments