Almora News: जिला विकास प्राधिकरण को खत्म करने के लिए कल से फिर चलेगी लड़ाई, सर्वदलीय संघर्ष समिति ने बनाई रणनीति

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाजिला विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग को लेकर संघर्षरत सर्वदलीय संघर्ष समिति ने स्थगित आंदोलन को फिर सक्रिय करने…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जिला विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग को लेकर संघर्षरत सर्वदलीय संघर्ष समिति ने स्थगित आंदोलन को फिर सक्रिय करने के लिए कमर कस ली है। बैठक आहूत कर आंदोलन की समीक्षा करते हुए भावी रणनीति तय कर ली है और अब कल से फिर इस मांग को लेकर धरना शुरू करने का फैसला लिया है।

गत रविवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार नगरपालिका सभागार में सर्वदलीय संघर्ष समिति अल्मोड़ा की महत्वपूर्ण बैठक समिति के संयोजक एवं पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता में हुई। जिसका प्रमुख मुद्दा था जिला विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त करवाने के लिए संघर्ष की रणनीति तय करना। प्राधिकरण को समाप्त करने के लिए करीब तीन सालों से समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन की समीक्षा की गई। इसके बाद भावी रणनीति के लिए सभी के सुझाव लिये गए और निर्णय लिया कि 17 अगस्त यानी कल से समिति स्थगित आंदोलन को फिर से शुरू करेगी। एक बार फिर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर यह मांग दोहराई जाएगी। तय हुआ कि फिलहाल कल से दोपहर 12 बजे से अपराह्न 2 बजे तक दो घंटे धरना देगी। यह भी कहा गया कि आंदोलन तब तक चलेगा, जब ​त​क कि जन विरोध प्राधिकरण पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।

बैठक में समिति के संयोजक प्रकाश चन्द्र जोशी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नवम्बर 2017 में जिला विकास प्राधिकरण लागू किया और यह जनविरोधी व तुगलकी फरमान साबित हुआ। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय संघर्ष समिति ने इस प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के फलस्वरूप प्रदेश सरकार ने प्राधिकरण स्थगन की बात कही है और इससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि समिति की मांग है कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त कर भवन निर्माण व मानचित्र स्वीकृति संबंधी सभी अधिकार पूर्व की भांति नगर पालिका को दिए जाएं।

पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण के लागू होने से जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है तथा लोगों को भवन निर्माण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने प्रदेश सरकार प्राधिकरण संबंधी आदेश को तुगलकी फरमान व जनविरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जिला विकास प्राधिकरण को स्पष्ट रूप से पूरी तरह समाप्त करना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने कहा कि जनहित में जिला विकास प्राधिकरण पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए। बैठक में आनंद सिंह बगडवाल, सभासद हेम तिवारी, जेसी दुर्गापाल, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, दीपेश जोशी, राजीव कर्नाटक, दीपांशु पान्डेय, अख्तर हुसैन, ललित मोहन पंत, चन्द्रशेखर बनकोटी, प्रताप सत्याल, गोपाल सिंह मेहता, एनएस बिष्ट, युसूफ तिवारी, समिति के विधिक सलाहकार रोहित कार्की आदि कई लोग शामिल रहे।

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