पिता की मौत के बाद बेटा 16 साल तक लेता रहा पेंशन, अब होगी 75 लाख की वसूली
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UP News | बरेली निवासी एक युवक ने फ्रॉड का एक ऐसा तरीका अपनाया जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। युवक के पिता सोहन लाल शर्मा की मृत्यु के बाद भी उसने अपने पिता की मौत की बात छिपाई और अपने स्वर्गवासी हो चुके पिता सोहन लाल शर्मा की जगह खुद को सोहन लाल बताकर पेंशन हड़पता रहा। 16 सालों तक उसने स्वर्गवासी हो चुके पिता को कागजों में जिंदा रखा। और पेंशन हड़पता रहा। अब जब मामला खुला तो हड़कंप मच गया।
बदायूं के श्री कृष्ण इंटर कॉलेज में प्रवक्ता थे उमेश के पिता सोहन लाल शर्मा
बरेली के न्यू ओम सांई इन्क्लेव, डोहरा रोड निवासी सोहन लाल शर्मा श्री कृष्ण इंटर कॉलेज बदायूं में प्रवक्ता थे। रिटायरमेंट के बाद जब उनकी मृत्यु हो गई, तो उनके बेटे ने पेंशन हड़पने के लिए षड्यंत्र किया। बेटा उमेश भरद्वाज खुद रिटायर्ड प्रवक्ता बन गया और 16 सालों तक पेंशन हड़पता रहा। वो हर महीने करीब 49 हजार रुपए पेंशन हड़पता रहा। News Group Link – Click Now
जानकारी में आया है कि उमेश भरद्वाज ने यूनियन बैंक के कर्मचारियो और कोषागार के अधिकारिओ के साथ मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेजो के जरिये 16 सालों तक हर महीने 49 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन हड़पी। उमेश ने अब तक 6089064 रुपये की रकम हजम कर ली। चार महीने पहले मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के दौरान उमेश का फर्जीवाड़ा खुल गया।
प्रमाणपत्रों की जांच में हुआ खुलासा
मुख्य कोषाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया की आरोपी युवक से ब्याज सहित रकम वसूली जाएगी। उससे करीब 75 लाख रूपये वसूले जायेगे। मुख्य कोषाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया की जब ये युवक ऑफिस आया तो उससे आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक एवं पेंशन पत्रावली का मांगी गई। जब उसने ये सभी दस्तावेज दिखाए तो उसकी उम्र देखकर लगा रहा था कि ये युवक 55-60 वर्ष से ज्यादा का नहीं है। जबकि प्रमाणपत्रो में जन्म तिथि 13 जनवरी 1919 दर्ज है। उस हिसाब से उसकी उम्र करीब 105 वर्ष हुई। जिसके बाद उन्हें शक हुआ और फिर पूछताछ की गई। जिसके बाद उसने सच कबूल लिया।
पटल सहायक ने उनका आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक एवं पेंशन पत्रावली का निरीक्षण किया। जिसमें यह तथ्य संज्ञान में आया कि उपरोक्त प्रमाणपत्रों पर जन्मतिथि 13 जनवरी 1919 के अनुसार करीब 105 वर्षीय पेंशनर के और उपस्थित व्यक्ति मात्र 55-60 वर्ष का प्रतीत हो रहा था। उपस्थित व्यक्ति एवं वास्तविक पेंशनभोगी सोहन लाल शर्मा की फोटो पूर्णरूप से अलग भी पायी गयी। इस तरह से उमेश ने पेंशन घोटाले को अंजाम दिया।
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