- महीनों तक लटकाया जाता है वेतन भुगतान
- लंबी सेवाओं के उपरांत भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं
- अल्प वेतन में जोखिमपूर्ण कार्य, कोई मेडिकल क्लेम नहीं
- चरणबद्ध आंदोलन, हड़ताल का ऐलान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत कनिष्ठ अभियंता शासन की उदासीनता का शिकार बने हुए हैं। इन्हें न तो समयबद्ध और ना ही सम्मानजनक वेतन दिया जा रहा है। हालत यह है कि 8 से 11 सालों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे कई जेई को इस दीपावली तक भी वेतन आहरित नहीं हो सका है। शासन के इस रवैये से आजिज आ चुके संविदा कनिष्ठ अभियंताओं का सब्र अब जवाब देने लगा है और उन्होंने मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने और 15 नवंबर से पूर्ण हड़ताल की चेतावनी दी है।
जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में संविदा पर कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं ने कहा कि वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में कुल 303 जेई संविदा के पद पर कार्यरत हैं। सभी कनिष्ठ अभियन्ता पूर्ण निष्ठा के साथ दिन—रात दैवीय आपदा, वर्षाकाल, चार धाम यात्रा अथवा कोविड-19 जैसे हालतों में भी राज्य के लगभग सभी निर्माण खण्डों में कार्य कर रहे हैं। अपने राज्य के प्रति प्रेम व निष्ठा रखने के कारण ही नौकरी हेतु राज्य से बाहर पलायन न करने का निर्णय लेकर उन्होंने बहुत ही अल्प वेतन में दुर्गम क्षेत्रों में रहकर राज्य की सेवा करना चुना था।
कार्य की प्रकृति ऐसी है कि इन्हें चौबीस घंटे मुस्तैद रहना पड़ता है व दूरस्थ क्षेत्रों में कभी जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विगत आठ-दस वर्षों में उनके द्वारा हजारों सड़कों, पुलों एवं भवनों का निर्माण व अनुरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। उन्होंने अपनी युवावस्था, अपने जीवन का स्वर्णमयी महत्वपूर्ण समय राज्य के विकास कार्यों को पूर्ण करने में ही बिता दिया है।
उनके ही कंधों पर राज्य के विकास कार्यों का भार है। इसी कारण से वर्तमान समय तक वह कभी हड़ताल अथवा आंदोलन के पक्ष में नहीं रहे एवं ज्ञापन देकर अथवा प्रार्थना के माध्यम से ही हमनी अपनी समस्याओं से उच्चाधिकारियों व मंत्रीगणों को अवगत कराया है, परन्तु आज उन्हें वर्तमान में जिन कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, बहुत दु:खद है।
उन्हें सात-आठ माह वेतन आहरित किया जाता है। आपदा के समय कार्य में दुर्घटनागस्त होने के लिये कोई मेडिकल क्लेम नहीं दिया जाता है। इनका वेतन विभाग के द्वारा वर्ल्ड बैंक में अल्पकाल के लिये रखे गये कनिष्ठ अभियन्ताओं के वेतन (लगभग 40 हजार रुपये) से भी बहुत कम है, जिनका अनुभव मात्र दो तीन वर्ष है। संविदा कनिष्ठ अभियंताओं ने बताया कि उन्हें मात्र 24 हजार वेतन मिलता है। उनमें से कई 8 साल तो कई 11 साल से विभाग में कार्यरत हैं। इतने कम वेतन भी जब सात—आठ माह बाद आहरित किया जाता है। ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि इन हालातों में वह अपने परिवार के पालन—पोषण किस तरह से कर रहे होंगे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह सभी मानसिक एवं आर्थिक रुप पूरी तरह से टूट चुके हैं। हालत बहुत दयनीय एवं भविष्य पूर्णतः अंधकारमय है।
समस्याओं को विभाग के समक्ष कई बार रखा गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सीएम को भी वर्ष में 09 जनवरी 2021, 03 अगस्त 2021 एवं 20 सितम्बर 2021 में भेंट कर एवं लोक निर्माण विभाग मंत्री को भी इस वर्ष के 03 अगस्त 2021 एवं 18 सितम्बर 2021 में ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखा गया था परन्तु उनकी तरफ से कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अग अगर 10 नवम्बर, 2021 तक नियमितीकरण हेतु कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता है तो निराश होकर उन्हें चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत करनी पड़ेगी। जिसके तहत 10 नवम्बर तक काली पटटी बांधकर कार्य किया जायेगा, 11 नवम्बर से 13 नवम्बर, 2021 कार्य बहिष्कार, 13 नवम्बर से 14 नवम्बर 2021 तक जिला स्तर पर शांतिपूर्वक हड़ताल की जायेगी। साथ ही 15 नवम्बर, 2021 से पूर्ण हड़ताल पर चले जायेंगे। ज्ञापन देने वालों में समस्त कनिष्ठ अभियन्ता (संविदा) लोक निर्माण विभाग शामिल रहे।