HomeNational64 साल बाद आखिरकार वाराणसी को मिल गया अपना बनारस रेलवे स्टेशन

64 साल बाद आखिरकार वाराणसी को मिल गया अपना बनारस रेलवे स्टेशन

वाराणसी। आखिरकार वाराणसी में एक रेलवे स्टेशन है जिसका पुराना नाम बनारस है। पूरी तरह से पुनर्निर्मित मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के अधिकारियों ने साइनबोर्ड को स्टेशन के नए नाम से बनारस के रूप में बदल दिया है।

एनईआर के मंडल रेल प्रबंधक (वाराणसी) विजय कुमार पंजियार ने कहा, हमें बुधवार को मंडुआडीह का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन करने के लिए रेलवे बोर्ड की अंतिम मंजूरी मिल गई। इसके बाद साइन बोर्ड बदलने का काम शुरू हो गया। नए साइन बोर्ड में स्टेशन का नाम हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में भी है।

एनईआर के अधिकारियों के अनुसार, इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया फरवरी 2019 में पूर्व रेल राज्य मंत्री और अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा शुरू की गई थी। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

उसी वर्ष, योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया।

राज्यपाल द्वारा मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का औपचारिक नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन 16 सितंबर, 2020 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 31 मार्च, 2020 को दिए गए एनओसी के मद्देनजर किया गया था।

अधिकारियों ने स्टेशन के पुराने नाम को साइन बोर्ड पर बदलना भी शुरू कर दिया था, लेकिन 20 सितंबर, 2020 को रेलवे सूचना प्रणाली (सीआरआईएस) और माल संचालन सूचना प्रणाली (एफओआईएस) के केंद्र में रेलवे स्टेशन के कोड को बदलने की प्रक्रिया के रूप में इस प्रक्रिया को रोक दिया गया था। यात्रा टिकट बुकिंग के लिए सिस्टम में मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का पुराना कोड मौजूद था।

अधिकारियों ने बताया कि इसे देखते हुए एनईआर ने रेलवे बोर्ड द्वारा पूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही स्टेशन के पुराने नाम को बदलकर नए नाम से शुरू करने का फैसला किया था।

नाम बदलने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के साथ ही किसी भी रेलवे स्टेशन के नाम के रूप में बनारस भारतीय रेलवे के नक्शे पर वापस आ गया है। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

64 साल पहले बदला गया था नाम
ब्रिटिश काल के दौरान भारत में रेल सेवा की शुरुआत हुई थी। बंगाल से पूर्वोत्तर रेलवे के विस्तार के तहत वाराणसी में रेलवे स्टेशन बना और इसका नाम बनारस कैंट रखा गया था। यूपी के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानंद ने बनारस जिले का नाम बदलकर वाराणसी किया था। वहीं 24 मई 1956 को को बनारस कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर उन्होंने वाराणसी जंक्शन कर दिया था।

वाराणसी में मोदी ने किया 1583 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

अन्य खबरें

हल्द्वानी : सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के डॉ. भैसोड़ा का हुआ ट्रांसफर, आदेश जारी

Uttarakhand : सीएम धामी ने नियुक्त किये दो नए पीआरओ, जारी हुए आदेश

ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

News Hub