सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सूबे में नये मुख्यमंत्री के रूप में आए तीरथ सिंह रावत का सौ दिन का कार्यकाल पूरा हो गया, मगर सूबे के हालात जस के तस हैं। जनता जस की तस स्थिति में है। सौ दिनों की विफलता से यह साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री बदलने से जनता का भला होने वाला नहीं है। यह बात अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कही है।
पूर्व संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सौ दिन के कार्यकाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए आज से सौ दिन पूर्व भाजपा ने उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया।
बड़ी खबर उत्तराखंड : 6 आईएएस और दो पीसीएस अधिकारियों के तबादले
लेकिन इस परिवर्तन का नाममात्र भी फायदा जनता को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि तीरथ सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने में नाकाम रही बल्कि उत्तराखंड को देश के उन राज्यों में अग्रणी बनाकर खड़ा कर दिया, जहां सर्वाधिक महंगाई है, जबकि कोरोनाकाल के कठिन दौर से बुरी तरह प्रभावित जनता को महंगाई से मुक्ति दिलाना प्राथमिकता होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ सुविधाओं के नाम पर कोविड से सुरक्षा को वैक्सीनेशन की गति भी उत्तराखंड में नहीं बढ़ सकी।
तिवारी ने कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी लगातार अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार ने उनकी हड़तालों में तक रोक लगाकर उनका दमन करने का काम किया है। ऐसे ही उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों को समय से उनके देयकों का भुगतान नहीं हो रहा है। इससे बड़ी शर्म की बात इस सरकार के लिए और क्या हो सकती है, जब जब कर्मचारियों के भुगतान के लिए विभाग को बसें बेचनी पड़ रही हैं।श्री तिवारी ने कहा है कि उत्तराखंड के युवा अपनी शिक्षा पूरी करके घर पर बेरोजगार बैठे हैं, परंतु उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार के लिए पदों तक का सृजन नहीं कर पा रही है।
ब्रेकिंग न्यूज़ : गुजरात की साबरमती नदी में मिला कोरोना वायरस
पूर्व विधायक ने सरकार की कई नाकामियों का जिक्र करते हुए कहा है कि नर्सिंग की परीक्षा की तिथि तीन बार स्थगित कर दी गयी है। लाकडाऊन में बाजार बन्द होने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार व्यापारियों को नाममात्र भी आर्थिक पैकेज नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि तीरथ सरकार व्यापारियों के लाकडाउन अवधि के बिजली व पानी के बिल तक माफ नहीं कर पाई। श्री तिवारी ने कहा कि इन सौ दिनों में तीरथ सरकार का एक भी ऐसा कार्य नहीं है, जिससे जनता को राहत मिली हो।उन्होंने कहा कि बेरोजगारों, व्यापारियों, कोचिंग संचालकों, टैक्सी संचालकों, फड़ व्यवसाईयों तथा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा सरकार को करनी चाहिए थी, मगर ऐसा कुछ नहीं हो सका। श्री तिवारी ने कहा कि मुखिया बदलने से प्रदेश की जनता का भला होने वाला नहीं है, यह बात साबित हो गई है। उन्होंने तीरथ सरकार के सौ दिनों को पूरी तरह विफल करार दिया।
डाउनलोड करे PDF File : UKSSSC ने इन 513 पदों पर निकली नियुक्त्यिां