हल्द्वानी की राजपुर घाट में डाॅ. नेहा पंचतत्व में विलीन, कोरोना से नही हुई मौत, अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकॉल लागू नही
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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
हल्द्वानी के मुखानी स्थित मनसा क्लीनिक की मनोचिकित्सक डॉ. नेहा शर्मा की अल्पायु में निधन से हर कोई स्तब्ध है। डॉ. नेहा की मनोचिकित्सक के रूप में दूर-दूर तक ख्याति थी। समाज के हर गम्भीर मुद्दों पर उनके आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में प्रकाशित होते थे। सामाजिक क्षेत्र में भी उनकी बढ़-चढ़कर भागीदारी रहती थी। यही कारण है कि विभिन्न अवसरों पर उन्हें तमाम सम्मानों से कई संस्थाओं द्वारा नवाजा गया था।
बुधवार को उन्हें सेंट्रल हास्पिटल में भर्ती किया गया था। डॉ. संजय सिंह ने बताया कि वह अस्थमा और साइनोसाइटिस की मरीज थीं। दूसरी जांच में उनके फेफड़ों में निमोनिया 90 प्रतिशत तक देखा गया। उन्हें हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन दो घंटे के भीतर ही उनकी मौत हो गई। डॉ. सिंह के अनुसार सिर्फ दो दिन में उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें सर्दी-जुखाम या खांसी जैसे लक्षण भी नहीं थे।
इधर डॉ. नेहा के भाई योगेश शर्मा ने बताया कि शुक्रवार हल्द्वानी के राजपुर घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने साफ किया कि उनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत नहीं बल्कि सामान्य हुआ था। जिससे साफ है कि डॉ. नेहा की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई थी।
हल्द्वानी की मनोचिकित्सक डाॅ. नेहा शर्मा का आकस्मिक निधन, शोक की लहर
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