हल्द्वानी। सरकारी अस्पताल की दायियों द्वारा मुंशी हरि प्रसाद टम्टा पार्क तिकोनिया हल्द्वानी में बैठक कर ‘सरकारी अस्पताल दाई यूनियन’ का गठन किया गया। गठन बैठक में पांच सदस्यीय संयोजन समिति का गठन किया गया। माया देवी को संयोजक नियुक्त किया गया। सर्वसम्मति से तय किया गया कि 28 फरवरी को बुद्धपार्क हल्द्वानी में यूनियन का जिला सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।
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बैठक को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि, “सरकारी दायियों को काम करते हुए दशकों बीत गए हैं लेकिन उनको आज के दिन भी मात्र 500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। यह महिला श्रम का खुला शोषण नहीं तो और क्या है? 8 मार्च 2019 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दायियों को एक हजार रुपए मासिक मानदेय देने की घोषणा की थी, दो साल बीतने को हैं लेकिन अभी तक इस घोषणा के तहत किसी भी दायी को एक पैसा भी नहीं मिला है। ये सरकार झूठे वादों की सरकार है।”
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने सरकारी दायियों के संघर्ष का समर्थन करते हुए कहा कि, “दायी उपकेंद्र को स्वच्छ रखने के काम से लेकर परिवार कल्याण, टीकाकरण, प्रसव में मदद, गांव में स्वास्थ्य शिक्षा, हेल्थ कार्यक्रम में सहयोग तक सारे काम कर रही हैं परन्तु शर्मनाक बात है कि इतने सालों में भी न तो उनको न्यूनतम वेतन मिल रहा है और न ही कोई सुविधा। इसलिए यूनियन को मजबूत कर संघर्ष करने से ही अधिकार हासिल हो सकते हैं।”
बैठक में दायी को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन देने, मुख्यमंत्री की एक हजार रुपए की घोषणा को लागू करने की माँगों को जोरदार तरीके से उठाया गया। यूनियन को ब्लॉक स्तर पर बैठकों के माध्यम से मजबूत करने की भी योजना बनाई गई।
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इस अवसर पर ऐक्टू नेता डॉ. कैलाश पाण्डेय, माया देवी, ज्योति शर्मा, विमला देवी, ममता देवी, बसंती देवी, देवकी देवी, लछिमा देवी, सीमा देवी, शांति आदि मौजूद रहे।
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