अल्मोड़ा न्यूज: ट्रेड यूनियनों ने प्रदर्शन कर सरकार को जमकर कोसा, बोले— बर्दाश्त नहीं करेंगे जनविरोधी ​नीतियां

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाकेंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र फेडरेशनों की राष्ट्रीय हड़ताल के आह्वान के तहत गुरुवार को यहां गांधी पार्क में प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र फेडरेशनों की राष्ट्रीय हड़ताल के आह्वान के तहत गुरुवार को यहां गांधी पार्क में प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के जरिये विभिन ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रुप से केंद्र व राज्य सरकारों के मजदूर विरोधी, किसान विरोधी व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कड़ा गुस्सा उगला। साथ ही ऐलान किया कि ट्रेड यूनियनें इन जनविरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे बल्कि आगे भी इनकी खिलाफत बदस्तूर जारी रखेंगे।
इस दौरान आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि जब कोविड—19 की महामारी को रोका जा सकता था, तब केंद्र में बैठी मोदी सरकार नमस्ते ट्रम्प जैसे कार्यक्रम में व्यस्त थी और ये सरकार इस महामारी के दुष्परिणामों से बेखबर होकर राज्यों में विपक्षी सरकारों को गिराने में जुटी थी। इसके अलावा केंद्र सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए तब्लीगी जमात के नाम पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का काम कर रही थी।​ फिर जब महामारी बढ़ने लगी, तो आनन—फानन में लॉकडाउन कर देश में आर्थिक नाकेबंदी की स्थिति पैदा कर दी। वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए पुरजोर तरीके से कहा कि इस महामारी के आड़ में लॉकडाउन का लाभ लेते हुए मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों व आम जनता के खिलाफ अध्यादेश लाई। बाद में संसद से कानून पारित कर देश की जनता पर थोपे गए। उन्होंने कहा कि आज महंगाई चरम पर है। सब्जी व राशन के दाम आम आदमी के पहुंच से दूर हो गए हैं, किन्तु सरकार लव जिहाद के नाम पर साम्प्रदयिक विभाजन को हवा देने में लगी है।
प्रदर्शन व सभा के माध्यम से वक्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकारों से बेरोजगारों को स्थायी रोजगार देने, न्यूनतम मजदूरी 21000 रुपये प्रतिमाह करने, निजीकरण व ठेकाकरण बंद करने, आशाओं, भोजन माताओं, पीटीसी, ग्राम प्रहरियों को 21000 रुपये प्रति माह मानदेय देने, महंगाई व बेरोजगारी पर रोक लगाने, गैर करदाताओं को छह माह तक 7500 रुपया प्रति माह प्रदान करने आदि की मांगें की। प्रदर्शन में दीवान सिंह कार्की, भुवन तिवारी, खीम सिंह, शिव नाथ गोस्वामी, डूंगर राम, पूजा बगडवाल, ममता तिवारी, चंद्रा बिष्ट, तारा चौहान, नीमा देवी, तुलसी भट्ट, नंदन सिंह, अर्जुन, आनंदी मेहरा, रूपा देवी, जानकी देवी, विजय लक्ष्मी, उमा आगरी, ममता भट्ट, कौशल्या बिष्ट, सुनीता पांडे, यूसुफ तिवारी, स्वप्निल पांडे, अरुण जोशी, दिनेश पांडे, आरपी जोशी आदि कई लोग शामिल हुए।


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