हमारी विरासत, हमारी शान : अल्मोड़ा को मिले हैरिटेज सिटी का दर्जा, बनारस की तर्ज पर विकसित हो मंदिरों का यह शहर

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ासांस्कृतिक व ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा को आज तक वह दर्जा नही मिल पाया है, जिसका यह शहर वास्तविक हकदार है। शहर के गौरवशाली…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सांस्कृतिक व ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा को आज तक वह दर्जा नही मिल पाया है, जिसका यह शहर वास्तविक हकदार है। शहर के गौरवशाली इतिहास को देश—विदेश तक पहुंचाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। धर्म निरपेक्ष युवा मंच ने इस गम्भीर मुद्दे को उठाते हुए जहां पौड़ी की तर्ज पर अल्मोड़ा को हैरिटेज का दर्जा देने की मांग की है, वहीं इसे मंदिरों के शहर के रूप में बनारस की तरह विकसित करने का भी सुझाव दिया है।

यहां हुई मंच की बैठक में मंच के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पौड़ी को हैरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है। ऐतिहासिक,सांस्कृतिक रूप से देखा जाए तो अल्मोड़ा सालों तक चंद राजाओं की राजधानी रहा है साथ ही अपनी उच्च सांस्कृतिक व विशाल ऐतिहासिक विरासत को संभाले हुए अल्मोड़ा को भी राज्य सरकार द्वारा हैरिटेज सिटी के रूप में घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा हर लिहाज से हैरिटेज सिटी के रूप में विकसित होने की योग्यता रखता है। ऐतिहासिक कटारमल के सूर्य मंदिर से लेकर विश्व प्रसिद्ध न्याय के देवता चितई मंदिर, नन्दादेवी मंदिर एवं विभिन्न मंदिर समूहों से घिरा अल्मोड़ा शहर को बनारस की तर्ज पर मंदिर के शहर के रूप में भी विकसित करने की आवश्यकता है। विनय किरौला ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर पूर्व में भी मंच द्वारा मांग की गयी है। शीघ्र ही जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जायेगा। इस अवसर पर मंच संयोजक विनय किरौला, पवन मुस्यूनी,इत्यादि लोग मौजूद रहे।


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