✍️ निरंतर जोर पकड़ रहा रानीधारा का आंदोलन, मांग पर अडिग नागरिक
✍️ सीवर लाइन की कई खामियां गिनाई, भावी खतरे को लेकर किया आगाह
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: रानीधारा सड़क पुनर्निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले रानीधारा में आज रविवार को धरना—प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी रहा। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों ने शिरकत की। धरना स्थल पर आज बड़ी सभा हुई। जिसमें नागरिकों ने सीवर लाइन के निर्माण की एसआईटी जांच समेत दो सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए जमकर आवाज उठाई। साथ ही सीवर लाइन की खामियां गिनाते हुए कई सवाल खड़े किए और भारी बारिश में क्षेत्र को बड़ा खतरा बताया।
कई सवाल उठाए और खतरे गिनाए
आज सभा में मौजूद लोगों ने रानीधारा क्षेत्र में बिछी सीवर लाइन की गुणवत्ता पर कई सवाल उठाते हुए पुरजोर मांग की कि जब तक स्थिति संतोषजनक नहीं हो जाती, तब तक सीवर लाइन से कनेक्शन नहीं दिए जाने चाहिए।मौजूद लोगों ने कहा कि सीवर लाइन बनने मात्र से ही पानी लीकेज होकर घरों में घुस रहा है। इससे कई घरों की दीवारें कमजोर होने लगी है, जिससे भविष्य में बड़े खतरे को दावत देने की शंका बलवती हो चुकी है। बारिश में लोग भय के साये में रहने को मजबूर हो गए हैं, लेकिन प्रशासन सुरक्षा प्रबंध करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है। वरिष्ठ नागरिक अरुण पंत ने कहा कि रानीधारा लिंक रोड में पानी की पूरी निकासी के लिए आवश्यक रुप से नालों की व्यवस्था चाक—चौबंद होनी चाहिए, अन्यथा बड़ी बरसात में क्षेत्र के तमाम घरों को बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। समिति के अध्यक्ष दीप चंद्र पाण्डे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समय रहते अगर हम नहीं चेते, तो भविष्य में पूरा इलाका आपदा की जद में आ जाएगा। वहीं धरने के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि संगठित प्रयास से ही शासन-प्रशासन से अपनी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने राजनीतिक दलों समेत व्यापार मंडल व अन्य संगठनों से आंदोलन में सहयोग प्रदान करने की अपील की।
वहीं अन्य वक्ताओं अर्चना पंत, मुकुल पंत, टीटू पंत, नीमा पंत, सुमित नज्जोन, दीप्ति गुप्ता आदि ने सीवर लाइन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस क्षेत्र से सीवर लाइन बिछाई ही नहीं जानी चाहिए थी, क्योंकि उसके लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। सभी लोगो ने एक स्वर में सीवर लाइन का विरोध किया। वक्ताओं ने कहा कि सीवर लाइन के नीचे मटेला से नगर के लिए आने वाली 8 इंच की पेयजल लाइन मौजूद है। भविष्य में सीवर लाइन व पेयजल लाइन चोक हुई, तो पेयजल दूषित होने की आशंका भी है। उनका कहना था कि सीवर लाइन निर्माण के जेसीबी मशीनों से हुआ और मशीनों की चोट से नगरपालिका की सुरक्षा दीवारें कमजोर हो गईं। यही वजह है कि अब बरसात में लोगों के घरों में पानी घुस रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति लगातार बनी रही, तो मकानों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है और यह स्थिति क्षेत्र में बड़ी आपदा ला सकती है। सभा का संचालन एड. सुनीता पांडे ने किया।
ये रही आंदोलन में उपस्थिति
आज के धरना—प्रदर्शन में संयोजक विनय किरौला, समिति के अध्यक्ष दीप चंद्र पाण्डे, महिला अध्यक्ष कमला दरम्वाल, उपाध्यक्ष एडवोकेट सुनीता पाण्डे, महासचिव मीनू पंत, सचिव नीमा पंत, संरक्षक शम्भू दत्त बिष्ट, कोषाध्यक्ष सुमित नज्जौन, हरीश कुमार वर्मा, चंद्रा नेगी, मोहित गुप्ता, हंसी रावत, कमला बिष्ट, माया कांडपाल, पुष्पा तिवारी, सुधा उप्रेती, मीनू जोशी, डिम्पल जोशी, कमला किरौला, नीलाक्षी पंत, भुवन पाण्डे, रवि गोयल, नरेंद्र नेगी, रमेश जोशी, डॉ. अनुपम पंत, हेमा जोशी, रेखा मेर, चेतना बिष्ट, भगवती जोशी, चंद्रा, कुमकुम जोशी, दुर्गा, वृंद्रा जोशी, मुकुल पंत, लावण्या पंत, अरुण कुमार पंत, दीपू पाण्डे, चेतना पंत, उमा अलमिया, भगवती डोगरा, कल्पना जोशी, दीप्ति गुप्ता, नीरू अग्रवाल, तनुजा पंत, ज्योति पाण्डे, बीएम पंत, गीता पंत, नीमा मिश्रा, रीता पंत, भुवन चंद्र कांडपाल, पुष्कर सिंह रावत, हरिश्चंद्र जोशी, मनीषा पंत, गीता पाण्डे, ममता बिष्ट, किरण भाकुनी आदि तमाम लोग शामिल रहे।