प्रमुख गतिविधियां - ध्रुपद गायन व राग भैरवी ने किया अभिभूत, पुस्तक 'रानीज इन द राज' का विमोचन, बच्चों के लिए कार्यशाला, फोटो प्रदर्शनी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। Literature Festival Almora : ऐतिहासिक व सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के मल्ला महल में तीन दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का खूबसूरत आगाज हो गया है। साहित्य व संगीत में उत्तराखंड के महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
ग्रीन हिल्स संस्था की ओर से आयोजित फेस्टिवल की शुरुआत गत दिवस मध्य प्रदेश से आए उदय भावालकर ने ध्रुपद गायन व राग भैरवी से की। उनके साथ पुणे से आए प्रताप अवाड थे। तानपुरा एवं गायन में सहयोग मेघना सरदार व मेघना भावालकर ने किया।
इसके बाद दीप प्रज्वलित कर मुख्य आविधि पद्मश्री लतिल पाण्डे, पूर्व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, जीबी पंत संस्थान कटारमल अल्मोड़ा के वैज्ञानिक की डॉ. जेसी कुनियाल, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान के पूर्व निदेशक डॉ. जेसी भट्ट, टाइम्स ऑफ इण्डिया के पूर्व पत्रकार आशुतोष पंत ने किया।
इसके पश्चात अल्मोड़ा की महिलाओं ने कुमाउनी में शगुन आंखर गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। अल्मोड़ा फेस्ट के प्रथम सत्र में डा. ललित पाण्डे, डा. रीमा या पंत एवं डा. वसुधा पंत द्वारा संचालित किया गया।
द्वितीय सत्र में प्रोफेसर क्वीनी प्रधान की पुस्तक ‘रानीज इन द राज” का विमोचन किया गया। ततपश्चात डा. ओसी हान्डा का वार्ता सत्र में विचार विमर्श आयोजित किया गया। तृतीय सत्र में कथा और कथेत्तर ”कितने दूर कितने पास” में साधना अग्रवाल और कृष्ण कल्पित के साथ अनिल कार्की ने वार्तालाप किया।
सत्र चार में ”आपदा या अवसर”, ”मीडिया और उत्तराखंड” पर दिनेश कांडपाल, रमेश भट्ट और कुलसुम तलथा के साथ आशुतोष पंत ने वार्तालाप किया। सत्र पांच में ”हिमालय की फोटोग्राफी में उनके जीवन अनुभव” पर थ्रीस कपूर एवं अनूप साह के साथ जय मित्र सिंह बिष्ट ने विचार विमर्श किया।
सत्र छह में “साईबर इनकाउंटर” किताब पर विचार विमर्श हुआ। जिसमें अशोक कुमार और ओपी मनोचा के साथ अनिता पी. शर्मा ने वार्तालाप किया। संध्या काल सब में संगीत समारोह में ठुमरी गायन ”पहाड़ में ठुमरी” – सम्राट पंडित द्वारा किया गया।
इसके बाद हिमांशु वाजपेयी द्वारा काकोरी एक्सन 1925 पर दास्तानगोई आयोजित की गयी। अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल में विशेष रूप से बच्चों के लिए कहानी पड़ने एवं लिखने को लेकर विशेष कार्यशाला, अंतरिक्ष एवं तारों की जानकारी, ओपन माईक सैसन- नवोदित कलाकारों के लिए। उदय शंकर फोटोग्राफी अकादमी द्वारा लगायी गयी फोटो प्रदर्शनी, सीवीसी सेंटर द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी मुख्य थे।
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