चंडीगढ़| पंजाब के अमृतसर में जी-20 शिखर सम्मेलन संपन्न होने के एक दिन बाद पुलिस ने शनिवार को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाते हुए अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
पंजाब पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि अपराह्न पुलिस ने जालंधर जिले के शाहकोट-मलसियान रोड पर वारिस पंजाब दे के सात लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक एक 315 बोर राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और विभिन्न कैलिबर के 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वारिस पंजाब दे के सदस्य चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं जो वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए वारिस पंजाब दे के तत्वों के खिलाफ केस एफआईआर नंबर 39 दिनांक 24 फरवरी को दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि अपराधों में शामिल सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पुलिस द्वारा वांछित सभी व्यक्तियों को कानून की प्रक्रिया के लिए खुद को पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानूनी रक्षा के उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। इस बीच, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे झूठी खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें। राज्य में स्थिति पूरी तरह स्थिर है। राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए शरारतपूर्ण गतिविधियों में लिप्त सभी व्यक्तियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अनुसार जालंधर में मेहतपुर के इलाके से पुलिस ने अमृतपाल सिंह के छह साथियों को गिरफ्तार किया है उसके पास से अधुनिक हथियार बरामद हुए हैं जबकि अमृतपाल भागने में सफल रहा। उन्होंने बताया कि अमृतपाल को पकड़ने के लिए जालंधर के गांव सरीं में अभी तक तलाशी अभियान चल रहा है।
इससे पहले दिन भी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की सूचना रही लेकिन अभी तक किसी भी बड़े अधिकारी ने इसकी पुष्टी नहीं की है। पंजाब पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शनिवार को वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खालिस्तान के समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए व्यापक अभियान चलाया। जैसे ही पुलिस ने उनके आवास को घेरना शुरू किया, वह पुलिस वाहनों द्वारा उनके आवास को घेरने के बाद भागने में सफल रहे। ऐसा पता चला है कि उसने अपने सहयोगियों के साथ जालंधर के मलसिया रोड स्थित बुलंदपुरी साहिब गुरुद्वारे में प्रवेश किया।
शहर उप पुलिस अधीक्षक एचएस मान ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। संगठन पर कार्रवाई के बीच पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा है। पंजाब के जिला जालंधर, पठानकोट, बठिंडा, अमृतसर, गुरदासपुर और मोगा सहित कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत बठिंडा जिले में पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गए है। एसएसपी बठिंडा गुलनीत सिंह खुराना की तरफ से सभी जिला थाना प्रभारियों को अपने-अपने एरिया में अलर्ट रहने के आदेश जारी कर दिए गए है। वहीं जिले भर में नाकाबंदी कर संदिग्ध वाहनों और लोगों की चेकिंग शुरू कर दी गई है।
जिले में अमन शांति बनाएं रखने के लिए पुलिस द्वारा शनिवार शाम को जिले भर में फ्लैग मार्च निकाला गया। इस फ्लैग मार्च में पंजाब पुलिस के अलावा बीएसएफ व सीआरएफ के जावान भी शामिल थे। जिले भर में 16 के करीब नाके बठिंडा पुलिस द्वारा लगाएं गए है। गौरतलब है कि पंजाब में चल रहे जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा बलों को पंजाब के चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था। अमृतपाल की रिहाई की मांग को लेकर कौमी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मोहाली के सोहना चौक के पास सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
अमृतपाल सिंह को आज बठिंडा के गांव चाउके में आयोजित होने वाले अमृत संचार समारोह में शामिल होना था। उसके आने से पहले ही बठिंडा पुलिस हाई अलर्ट पर थी और उनके रूट पर पुलिस द्वारा नाकाबंदी कर रखी थी। वहीं नाकों पर बीएसएफ के जावान तैनात किए गए थे, चूकिं बठिंडा के कुछ हिंदू संगठनों की तरफ से अमृतपाल का बठिंडा आने पर विरोध किया जाना था।
इसके चलते हिंदू संगठन के कुछ नेता अपने समर्थकों के साथ गांव जीदा के टोल प्लाजा पर पहुंचे गए थे, लेकिन पंजाब पुलिस ने बठिंडा पहुंचने से पहले ही शनिवार दोपहर बाद खालिस्तान समर्थकों को पुलिस द्वारा जालंधर के नकोदर शहर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। अमृतपाल की पुलिस कार्रवाई होने के बाद पंजाब में माहौल तनाव पूर्ण ना हो सके, इसके लिए पंजाब पुलिस को अलर्ट करते हुए सभी जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अमृतपाल सिंह की पुलिस कार्रवाई होने के बाद पुलिस ने शहर में आने वाली सभी सड़कों को सील कर नाकाबंदी की। यहां तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पुलिस ने नाकाबंदी का भारी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए है और संदिग्ध वाहनों व लोगों की जबरदस्त चैकिंग की। शहर में लगभग दो दर्जन स्थानों पर पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ नाकाबंदी की। इसी के साथ फ्लैग मार्च निकाला। अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई, ताकि किसी से संपर्क न हो। पुलिस ने नाकों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की।
हरियाणा और राजस्थान से लगते सभी मार्गों पर पुलिस ने नाकों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की और सभी संदिग्धों जांच भी की। पुलिस ने शहर वासियों को शांति बनाए रखने की अपील भी की। हिंदू महा संगठन की बैठक में फैसला लिया गया था कि अमृतपाल को बठिंडा नहीं आने देंगे अगर ऐसा होता है तो हिंदू संगठनों के साथ आमना सामना होगा जिसकी जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन की होगी। आर पार की लड़ाई के लिए हिंदू संगठन शिवसेना सभी ने कमर कस रखी थी जिसके चलते पुलिस ने भारी सुरक्षा के प्रबंध किए थे।
बठिंडा के जिला मजिस्ट्रेट शौकत अहमद परे ने बताया कि जिले में में धारा 144 पहले से लागू है, लेकिन अब इसे ओर सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले से ही पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है। जो पहले की तरह ही यह आदेश जिले में 31 मार्च तक लागू रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस आदेश की उल्लंघन करने वाले पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने जिला वासियों को अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें और अमन कानून बनाएं रखने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश की, तो उस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों को आपसी भाईचारा बनाए रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने सोशल मीडिया पर कोई अफवाह फैलाई या गलत सूचना फैलाई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
फाजिल्का के जिला मजिस्ट्रेट डा. सेनू दुग्गल ने सूचना जारी करते हुए कहा है कि जिले में धारा 144 के तहत प्राप्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुए पहले से ही पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है। जो पहले की तरह ही यह आदेश जिले में 31 मार्च तक लागू रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस आदेश की उल्लंघना करने वाले पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डा. सेनू दुग्गल ने जिला वासियों को अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें और अमन कानून बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीने पूर्व अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला में पुलिस स्टेशन की घेराबंदी की थी। सिंह और उनके समर्थकों ने अमृतसर में अजनाला पीएस के बाहर तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया था। वे सिंह के करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। थाने के बाहर तलवार और बंदूक लिए सिंह के समर्थकों का वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आईं। सिंह के समर्थकों के साथ हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि, तूफान को अजनाला कांड के एक दिन बाद रिहा कर दिया गया था।
इस महीने की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की थी। अमृतपाल सिंह लगभग छह से सात महीने पहले प्रसिद्ध हुए जब वह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख बने, जिसकी स्थापना दिवंगत पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने की थी। वह एक खालिस्तान समर्थक और एक कट्टरपंथी उपदेशक है और 1984 के कुख्यात ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए भिंडरावाले का प्रबल अनुयायी होने का दावा करता है।
विशेष रूप से, अमृतसर में अधिकारियों को सिंह की गिरफ्तारी पर राज्य में परेशानी की उम्मीद थी। इसी वजह से जी-20 समिट के बाद खालिस्तान हमदर्द के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। यह घटनाक्रम दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के ‘बरसी’ से एक दिन पहले आया है। हाल ही में वारिस पंजाब दे प्रमुख ने भी अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि शाह का भाग्य पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा।