देहरादून। हाल में कारागार विभाग एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय में एक सूची भेजी गई है। जिसमें बताया गया है कि कोरोना काल के दौरान पैरोल पर रिहा किये गये बहुत से बंदी वापस नहीं आए हैं। बार-बार भेजे गए नोटिसों का इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। जिससे साबित होता है कि यह सभी बंदी फरार हो चुके हैं।
कोरोना काल में दो बार हुए थे रिहा
उल्लेखनीय है कि साल 2020 कोरोना काल का दौर रहा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए थे। जिनमें कैदियों को पैरोल पर छोड़ना भी था। ताकि जेलों में अनावश्क भीड़ न रहे और सकंग्रमण तीव्र गति से फैले नहीं। पहले लॉकडाउन में अप्रैल 2020 में 891 विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को पैरोल मिली। इनमें से करीब 850 अपने-अपने घरों को रवाना हो गए। वहीं, शेष बचे कैदियों ने वापस जाने से ही इंकार कर दिया था। 03 माह की पैरोल पूरी होने के बाद अधिकांश कैदी पुन: अपनी-अपनी जेलों में लौट गए थे। संयोग से अगले वर्ष पुन: लॉकडाउन लग गया था। अतएव न्यायालय के आदेश पर पुन: राज्य की 11 जेलों से लगभग 830 बंदियों को रिहा किया गया। इस बार भी अधिकांश पैरोल की समय अवधि बीतने पर जेलों में वापस आ गए। जो नहीं आए उनमें से कुछ को पुलिस पकड़कर ले आई। इसके बावजूद आज की तारीख में भी 320 बंदी लौट के नहीं आये हैं।
कारागार विभाग ने उपलब्ध कराई सूची
बता दें कि प्रदेश के कारागार विभाग ने ऐसे फरार बंदियों की संख्या पुलिस मुख्यालय को दे दी है। इसके बाद अब जिला और उप जिला कारागार से भी छोड़े गए और वापस नहीं आने वाले बंदियों की सूची मांगी गई है। बताया गया है कि देहरादून जेल से छोड़े गए लगभग 92 कैदी लापता चल रहे हैं। इधर इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था एवं पुलिस प्रवक्ता वी मुरुगेशन का कहना है कि शीघ्र ही फरार कैदियों की गिरफ्तारी एक अभियान चलाकर की जायेगी।