⏩ क्वारब चौकी पुलिस का चेकिंग अभियान
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी
Strict action will be taken against those who drive rash on the national highway
क्वारब चौकी पुलिस ने हाई-वे पर नियमों की अनदेखी करने वाले वाले वाहन चालकों की आज ख़बर लेते हुए उनसे अर्थदंड वसूला। साथ ही यातायात व्यवस्था और आदेशों की अवहेलना करने वालों पर भविष्य में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
क्वारब चौकी इंचार्ज बीके आर्य ने आज पुलिस टीम के साथ बेपरवाह वाहन चालकों से 03 हजार रूपये का अर्थदंड वसूला। उन्होंने कहा कि दोपहिया व चौपहिया वाहन चालकों को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि यातायात नियमों का अनुपालन पुलिस द्वारा सख्ती से कराया जायेगा। कोई भी वाहन चालक बगैर कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा के कागजों के नहीं चले। साथ ही उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि अकसर कुछ दोपहिया व चौपहिया वाहन चालक तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाते हैं, जिससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने कहा कि रैश ड्राइविंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। पुलिस द्वारा नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई का यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगी। चेकिंग अभियान में चौकी इंचार्ज बीके आर्य के साथ कांस्टेबल प्रेम कुमार व गोपाल बिष्ट भी मौजूद रहे।
जानिये क्या होती है रैश ड्राइविंग –
Section 279 in The Indian Penal Code
जल्दबाजी और लापरवाही से वाहन चलाने पर यह धारा लग सकती है। रैश ड्राइविंग को सीधे से यातायात व्यवस्था के उल्लंघन के तौर पर देखा जाता है। इससे इंसान स्वयं व दूसरे के जीवन को जोखिम में डाल सकता है। वाहन को तेज गति से चलाना, स्टॉप साइन को अनदेखा करना, अन्य वाहनों के साथ दौड़ना, शराब पीकर गाड़ी चलाना आदि को भी जल्दबाजी और लापरवाही से वाहन चलाने के अंतर्गत देखा जाता है।
आईपीसी की धारा 279 के तहत अर्थदंड और सजा –
बताना चाहेंगे कि निर्धारित सीमा से अधिक तेज गति से वाहन चलाना आईपीसी की धारा 279 के तहत अपराध है। हालांकि, अनुमेय सीमा तक किसी वाहन को तेज दौड़ाने को रैश ड्राइविंग नहीं कहा जाता है। दरअसल, यदि कोई चालक वाहन को इस तरह से चलाता है जिससे किसी अन्य व्यक्ति को चोट लग सकती है और मानव जीवन को खतरा हो सकता है, तो इस तरह के लापरवाही और लापरवाही से वाहन चलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के तहत अपराध माना जाता है। एमवी अधिनियम की धारा 279 आईपीसी के अनुसार, चालक दंड का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है और लापरवाही से वाहन चलाने के लिए दंडित किया जाएगा।
यदि कोई सार्वजनिक सड़कों पर लापरवाही से वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो उसे इस इस धारा के अंतर्गत दोषी माना जाएगा। धारा 279 आईपीसी के तहत 1000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही 6 महीने तक की कैद भी हो सकती है। कुछ खास मामलों में, एक व्यक्ति को दंड और कारावास दोनों एक साथ भी हो सकती है।
रैश ड्राइविंग किसी को चोट पहुंचाने या मौत का कारण बनने पर –
यदि रैश ड्राइविंग दुर्घटना का कारण बन जाये और किसी अन्य व्यक्ति को चोट लगती है, तो उस पर एमवी अधिनियम की धारा 279 आईपीसी के तहत कार्रवाई होती है। चालक को धारा 337 आईपीसी और धारा 338 आईपीसी के तहत भी दोषी माना जाएगा। जिसमें उसे भारी जुर्माना के साथ 2 साल तक के कारावास का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यदि मोटर वाहन चलाने वाला व्यक्ति शराब या किसी अन्य जहरीले पदार्थ के प्रभाव में था और दुर्घटना का कारण बना, तो उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए के तहत आरोप लगाया जाएगा।
Rash driving – Whoever drives any vehicle, or rides, on any public way in a manner so rash or negligent as to endanger human life, or to be likely to cause hurt or injury to any other person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.