उत्तराखंड ब्रेकिंग : लंपी वायरस ने यहां भी दी दस्तक, हड़कंप

✒️ नैनीताल में प्रकाश में आये 03 मामले
✒️ अल्मोड़ा में अलर्ट मोड पर पशुपालन विभाग
✒️ प्रारम्भ समूह के सदस्य कर रहे जागरूक
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/नैनीताल
उत्तराखंड में भी अब गौवंशीय पशुओं के घातक रोग लंपी वायरस ने दस्तखत दे दी है। नैनीताल जनपद में ऐसे 03 मामले प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इधर आज अल्मोड़ा के हवालबाग में प्रारम्भ समूह की पहल पर पशु चिकित्साधिकारियों की टीम ने गांव में वैक्सीनेशन का काम किया।
उल्लेखनीय है कि लंपी वायरस को लेकर पशु चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड पर है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अब तक 20 हजार से अधिक मामले सामने आये हैं और विभिन्न राज्यों को मिलाकर कुल 341 गायों की इस वायरस से मौत हो चुकी है। हरिद्वार व देहरादून में इस वायरस का सर्वाधिक प्रकोप देखा जा रहा है।
इधर अल्मोड़ा में प्रारम्भ समूह के सदस्यों द्वारा लंपी के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग से संपर्क कर गांव में मवेशियों को वेक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने बिना देरी करते हुए गांव में लगभग सभी मवेशियों को वेक्सीनेशन किया और वेक्सीनेशन के बाद डॉक्टर वसुंधरा गर्ब्याल ने इस वायरस के बारे में जानकारी दी तथा इसके रोकथाम के तरीके बताए। इस अभियान में डॉक्टर वसुंधरा गर्ब्याल, फार्मासिस्ट कृष्ण जोशी, पान सिंह बिष्ट, जीतेन्द्र प्रसाद तथा प्रारम्भ ग्रुप के सदस्य अमित शाह, सूरज तड़ागी, उज्जल नेगी, लोकेश काला, पीयूष नेगी, रोहित नेगी आदि उपस्थित रहे।
नैनीताल में प्रकाश में आये मामले, हड़कंप
नैनीताल में लावारिस घूम रहे 03 गौवंशी पशुओं में लंपी वायरस (Lumpy Virus) के लक्षण देखे गये हैं। खतरा यह है कि इन आवारा पशुओं के संपर्क में आने से अन्य पशुओं में भी बहुत तेजी से यह वायरस फैल सकता है। पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सािधिकारी डा. आरके पाठक के अनुसार शहर में 03 गोवंशीय पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। जिनका उपचार कुछ एनमिल एक्टिविस्ट की मदद से शुरू कर दिया गया है।
यह हैं लंपी वायरस के लक्षण –
👉 पशु के शरीर का तापमान बढ़कर 106 डिग्री तक हो जाता है।
👉 भूख में कमी होने लगी है और चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें दिखने लगती हैं।
👉 फेफड़ों में संक्रमण के कारण निमोनिया हो जाता है।
👉 पैरों में सूजन, लंगड़ापन, नर पशु में काम करने की क्षमता कम हो जाती है।
बचाव के लिए करें यह उपाय –
👉 प्रभावित पशुओं को आइसोलेटेड कर दें, ताकि वह किसी अन्य पशु के संपक में नहीं आयें।
👉 लंपी वायरस से ग्रस्त पशु की मौत होने पर उसके शरीर को खुला न छोड़ें।
👉 प्रभावित पशुओं में को पशु चिकित्सकों की सलाह से वैक्सीन लगवायें।
👉 इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मल्टी विटामिन जैसी दवाओं को खिलायें।