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हल्द्वानी ब्रेकिंग : बाप रे, पति की अनदेखी, ससुर कर रहा छेड़छाड़ और ददिया ससुर बनाना चाह रहा हवस का शिकार, पढ़िये दिल दहला देने वाली तहरीर

हल्द्वानी। आज हम आपको एक महिला की ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जो रिश्तों के झीने पर्दे को तो तार तार कर ही देगी। आपके दिलो दिमाग में भी सिंहरन पैदा कर देगी। कहानी हल्दूचौड़ के मोतीराम दुर्गापाल पुर से शुरू होकर हल्द्वानी के करायल जौलासाल और वहां से नवाबी रोड स्थित आनंदपुरी फेस—2 तक घूमी। इस पूरी कहानी में हम पीड़िता का काल्पनिक नाम तो दे ही रहे हैं, सभी आरोपियों के नाम भी कल्पित ही रख रहे हैं। चूंकि मामला अभी जांच के दायरे में हैं इसलिए हम पत्रकारिता धर्म को अपनाते हुए ऐसा कर रहे हैं। लेकिन आप तय मानिए कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में यदि आरोप सही पाए गए तो अपराध को देखते हुए हम आरोपियों के नाम भी प्रसारित कने से नहीं चूकेंगे।
आज कोतवाली में पहुंची करायल जौलासाल निवासी संतोष बाला ने लिखित तहरीर में बताया है कि उसका मायका हल्दूचौड़ के मोतीराम दुर्गापालपुर में है। 12 मई 2017 को उसका विवाह करायल जौलासाल हल्द्वानी निवासी प्रदीप शर्मा के साथ हुआ था। महिला ने तहरीर में लिखा है कि जब उसका पति बारात लेकर गेट पर पहुंचा तो वह अचानक गिर गया। सभी लोगों ने इसे सामान्य घटना समझा लेकिन फेरों के समय भी प्रदीप शर्मा दोबारा से गिर गया। इस पर चिंतित दुल्हन के माता पिता ने प्रदीप के पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि विवाह की तमाम तैयारियों को बोझ प्रदीप के कंधों पर था, इसलिए थकान की वजह से ऐसा हुआ होगा। खैर विवाह ठीक ठाक निपटा और संतोष बाला अपनी ससुराल पहुंच गई। ससुराल में अगले दिन महिला संगीत व रिसप्शन था। प्रदीप दो दिन तक अपने घर पर रहा और इसके बाद अपने दादा—दादी के पास आनंदपुरी फेस —2, नवाबी रोड हल्द्वानी चला गया। इसके बाद 20—25 दिन तक संतोष बाला ससुराल में अकेले ही रही। बाद में उसके ससुर नितिन शर्मा ने उसे आनंदपुरी छोड़ दिया। संतोष के अनुसार विवाह के बाद उसके पति प्रदीप का उसमें कोई आकर्षण नहीं था। प्रदीप के शरीर का एक हिस्सा काम नहीं करता था। उसे पता चला कि विवाह से पूर्व प्रदीप को फालिश का दौरा पड़ा था। कुछ समय प्रदीप के साथ रहने के बाद वह गर्भवती हुई। कुछ महीने बाद जब उसके पेट में पीड़ा हुई तो उसने यह बात पति प्रदीप को बताई तो प्रदीप ने उसके साथ चिकित्सालय जाने से इंकार कर दिया। उसने पड़ोस में रहने वाली आशा कार्यकत्री के साथ चिकित्सालय जा कर जांच कराने के लिए कहा। खैर चिकित्सालय में जैसे तैसे छह महीने के प्री मेच्योर बच्चे की डिलीवरी हुई। कुछ दिनों बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद प्रदीप ने संतोष को अपने घर करायल गांव में छोड़ दिया।
संतोष के अनुसार ससुराल में स्वास्थ्य लाभ करने के बाद वह घर को काम काज करने लगी तो उसे लगा कि उसका ससुर नितिन उस पर गंदी नजर रखे हुए हैं। वह मौका देखकर कभी उसका हाथ पकड़ता तो कभी कमर में हाथ डाल देता। एक दिन जब उसकी सास घास को जंगल गई हुई थी और ससुर नितिन शर्मा भी घर पर नहीं था। अचानक नितिन लौट आया और घर में अकेली पाकर उसने संतोष को पीछे से पकड़ लिया। उसने कहा कि वह उसे बच्चा, और काफी धन दौलत भी देगा। संतोष का कहना है कि किसी तरह ससुर की पकड़ से छूट कर बाहर आ गई और सास के वापस आने पर पूरी कहानी उसे सुना दी। इस पर सास ने उसके पैर पकड़ते हुए उसे अपने परिवार की इज्जत का वास्ता देते हुए अपने पति की डांट भी लगाई। ससुर ने भी उससे माफी मांगी।
कुछ समय बाद सास ने संतोष से कहा कि वह अपने पति के पास चली जाए। ससुर उसे स्कूटी पर आनंदपुरी तक छोड़ने को तैयार हो गया। लेकिन रास्ते में उसने फिर से संतोष के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। संतोष ने उसे चलती स्कूटी से कूछ जाने की धमकी दी तो वह चुपचाप आनंदपुरी तक उसे छोड़ गया। उसने यह बात अपने पति प्रदीप को भी बताई लेकिन वह चुप ही रहा।
दादा—दादी के पास संतोष अपने आप को सुरक्षित रहने की जो गलत फहमी पाले थी वह भी कुछ ही दिनों में दूर हो गई। संतोष के अनुसार वह जब भी प्रदीप के दादा दिगंबर शर्मा को चाय देने जाती तो वह कप के बजाए उसका हाथ जरूर छूता था। संतोष के अनुसार एक दिन वह जब नीचे बैठकर सब्जी काट रही थी तब उसका ददिया ससुर दिगंबर शर्मा वहा आ गया। और कुर्सी पर बैठकर अपना पैर संतोष की गोद में रख दिया। विरोध करने पर उसने कहा कि वह तो उसकी नातिनी है और वह बच्ची के साथ खेल रहा है। इस तरह एक दिन उसने संतोष के कमरे में घुसकर भी सो रही संतोष से छेड़छाड़ शुरू कर दी। संतोष नींद से जागी तो वह भाग गया। इस घटना के बाद संतोष ने अपनी सास से टेलीफोन पर बात की तो उसने उसे अपने पास करायल बुला लिया। फिर कुछ दिन बाद वह फिर से पति के पास आ गई। जहां एक दिन दादा—दादी के रिश्ते में हुए शोक में जाने पर उसके ससुर ने आकर उसके साथ छेड़छाड़ कर दी।
संतोष के अनुसार उसने यह सारी कहानी पति को भी बताई, अपनी बहिन को भी बतायी और सास को भी बताई।
बाद में संतोष ने पूरे परिवार के सामने बाप बेटे और पोते की पूरी कहानी सुनाई तो ससुर ने तो माफी मांग ली लेकिन ददिया ससुर ने इन घटनाओं पर कोई खेद नहीं जताया। ​बल्कि वह उसे घर से निकालने पर आमादा हो गया। इसके बाद तनाव बढ़ता गया। एक दिन संतोष ने अपने कपड़े बैग में रखे और लॉक डाउन के दौरान ही घर से निकल गई। उसे घर छोड़ते हए दिगंबर शर्मा के मकान में बतौर किराएदार रह रहे जितेंद्र ने देखा तो उसे अपनी महिला दोस्त के घर पर ले गया। लेकिन इसी बीच शाम को साढ़े सात बजे के लगभग जितेंद्र को पुलिस चौकी से फोन आया कि वह संतोष को लेकर चौकी में आए। जितेंद्र ने ऐसा ही किया। संतोष ने पुलिस चौकी में भी बाप, बेटा और नाती की पूरी राम कहानी सुना दी। पुलिस वालों ने तुरंत उसके पिता का फोन नंबर मांगा और संतोष को उनके हवाले कर दिया। इसके बाद वह कुछ दिन मायके में रही और एक जुलाई को उसने हल्द्वानी पुलिस थाने आकर तहरीर दर्ज करा दी। मामले की जांच महिला जांच अधिकारी को दी गई है। जल्छी ही जांच रिपोर्ट में सच सामने आ जाएगा।

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