—कुमाउंनी भाषा को आठवीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
कुमाउंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति की यहां आयोजित बैठक में कुमाउंनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई। इसके अलावा पूर्व शिक्षा निदेशक को कल्याण सिंह बिष्ट स्मृति सेवी सम्मान से नवाजा गया। वक्ताओं ने कुमाउंनी भाषा सम्मेलन पर स्मारिका प्रकाशित करने का सुझाव दिया।
मातृ दिवस और बालम सिंह जनौटी की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को नगर पालिका सभागार में आयोजित बैठक में कुमाउंनी भाषा के संरक्षण पर बल दिया गया। डॉ. जमन सिंह बिष्ट ने संविधान की 8वीं सूची में कुमाउंनी भाषा को सम्मलित करने के लिए जनगणना में कुमाउंनी की अपनी मातृभाषा लिखने का आह्वान किया। अंबा राम आर्या ने नई पीढ़ी को अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति जागरूक रहने की अपील की। गोपाल कृष्ण जोशी ने बालम सिंह जनौटी की कविता पढ़कर उन्हें याद किया। कार्यक्रम के संयोजक किशन सिंह मलड़ा ने कुमउनी भाषा सम्मेलन पर स्मारिका प्रकाशित करने का सुझाव दिया। उन्होंने विद्वानों से शोधपरक आलेख लिखने का भी आग्रह किया।
कार्यक्रम में पूर्व शिक्षा निदेशक अंबा राम आर्या को वैध कल्याण सिंह बिष्ट स्मृति कुमाउनी संस्कृति सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष देव सिंह पिलख्वाल तथा संचालन डॉ. केएस रावत ने किया। इस मौके पर अल्मोड़ा के ललित तुलेरा, राज्य आंदोलनकारी गंगा सिंह पांगती, रमेश प्रकाश पर्वतीय, प्रशांत पांडे, आनंद बिष्ट, प्रीतम रावत, चरण सिंह बघरी, भाष्कर नेगी, दीपक भाकुनी, दिगविजय सिंह जनौटी, आनंद गड़िया आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में पूर्व मंत्री राम प्रसाद टम्टा को श्रद्धांजलि दी गई।