—महिला हाट के सदस्य, ग्रामीण व नेपाली मजदूर आग बुझाने दौड़े
—काफी मशक्कत के बाद बच सके दो वनीकरण क्षेत्र
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गत रात्रि प्रसिद्ध चितई मंदिर के करीब जंगल प्रचंड आग की चपेट में आ गया। आग ने इतना विकराल रूप धारण किया कि क्षेत्रवासियों में अफरा तफरी मच गई। एक बड़ा वन क्षेत्र आग के आगोश में आ गया, लेकिन वनाग्नि के इस कांड में महिला हाट के सदस्यों, क्षेत्र के लोगों व नेपाली मजदूरों ने वनों के प्रति प्रेम का बड़ा उदाहरण दिया और रात ही एकजुट होकर आग बुझाने में जुट गए, हालांकि वन विभाग की टीम भी साथ रही।
चितई के इर्द—गिर्द के जंगल में रात सोमवार रात भयंकर आग लग गई। जिससे क्षेत्रवासी घबरा गए। आग ने ऐसा प्रचंड रूप धारण किया कि बड़े हिस्से को अपने आगोश में ले लिया। पूरे चितई क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया। सूचना पर वन विभाग के लोग पहुंचे।
साफ दिखा वन प्रेम
वनों के प्रति प्रेम का जीता जागता उदाहरण चितई के जंगल में आग लगने के दौरान दिखा। आग बढ़ते ही महिला हाट के सदस्य, क्षेत्र के कई युवा व नेपाली मजदूर जंगल में आग बुझाने दौड़े और उन्होंने रात आग पर नियंत्रण के लिए काफी मशक्कत वन विभाग की टीम के साथ की और आग को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
जंगल से जीवन—कांडपाल
महिला हाट के समन्वयक राजू कांडपाल भी जंगल आग बुझाने चले। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया हैं। उन्होंने संदेश दिया है कि वनों को बचाने की इसी तरह की भागीदारी हर जगह होनी चाहिए और यह सभी को समझना होगा कि वन है, तो मानव जीवन है।