अल्मोड़ा: अपनी बेटी से दुष्कर्म के आरोपी पिता को 20 साल का सश्रम कारावास

— 40 हजार अर्थदंड, जमा नहीं करने पर 06 माह की कठोर कारावास— विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय ने सुनाया फैसला सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

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— 40 हजार अर्थदंड, जमा नहीं करने पर 06 माह की कठोर कारावास
— विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय ने सुनाया फैसला

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: अपनी ही बेटी से दुष्कर्म करने वाले एक पिता को विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने 20 साल के सश्रम कारावास एवं 40 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड के रूप में वसूल धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने के आदेश पारित किए गए हैं।

अभियोजन की कहानी के अनुसार मामला 15 जुलाई 2021 की रात्रि का है। मामले के मुताबिक अभियुक्त उस रात शराब के नशे में धुत होकर घर आया और अपनी पत्नी के साथ मारपीट की और उसके भय से पत्नी रात घर से निकलकर झाड़ियों में छिप गई। तब उसके घर में पति के अलावा उसकी सास, एक पुत्र व एक पुत्री मौजूद रहे। जब आधी रात के बाद घर पत्नी वापस घर लौटी, तो पता चला कि अभियुक्त ने उसकी पुत्री के साथ दरवाजा बंद करके गलत काम कर डाला।

इसकी सूचना 112 डायल नंबर पर पुलिस को दी। रात एंबुलेंस आई और पटवारी भी पहुंच गए। इसके बाद पीड़ित बालिका को अल्मोड़ा अस्पताल लेकर आए, जहां उसका उपचार किया गया। इसके बाद मामले पर पत्नी ने रिपोर्ट लिखाई। जिसके आधार पर पति/अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और विवेचनाधिकारी ने विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। मामले में अभियोजन की ओर से 11 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अभियेाजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चंद्र नैल्वाल एवं विधि सह परीविक्षा अधिकारी अभिलाषा तिवारी ने सबल पैरवी की और दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए।

विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा ने मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर अभियुक्त को धारा 323 ता.हि. में एक वर्ष के सश्रम कारावास, धारा 5 एम सपठित धारा—6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 40,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 06 माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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