नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई खूनी झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई। वार्ता के बाद चीनी सेना द्वारा चार अधिकारियों सहित दस भारतीय सैनिकों को वापस लौटाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि लद्दाख के गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान हमारे देश के 20 जवान शहीद हो गए। अब गुरुवार को हुई बातचीत के बाद करीब 10 जवानों को वापस लौटाया गया है। हालांकि, इस पर सेना की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जानकारी के लिए बता दें कि एलएसी पर चीन से हिंसक संघर्ष के बाद से बॉर्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। वहीं, भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हिंसा में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अलग-अलग पार्टियों के अध्यक्षों शामिल होंंगे। हालांकि, ये वर्चुअल बैठक होगी जिसमें सभी दलों को पिछले कुछ दिनों से चीन के साथ चल रहे तनाव की जानकारी दी जाएगी। जवानों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम में है। हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं। साथ ही उन्होंने साफ किया कि सैनिकों का बलिदान खाली नहीं जाएगा।
गलवान में हुई झड़प में जहां भारत ने अपने 20 जवान खोए हैं। वहीं, चीन के करीब 40 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। चीनी सैनिकों ने धोखे से लाठी डंडे और पत्थरों से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। जिसमें दोनों ओर के सैनिक मारे गए हैं।